पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया की विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाएं कृत्रिम मेधा (एआई) में निवेश के लिए प्रमुख लक्ष्य हैं। मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि इनमें भारत, सिंगापुर और मलेशिया तेजी से खुद को डेटा सेंटर परियोजनाओं या चिप मेन्यूफेक्चरिंग के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहे हैं। मूडीज एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट ‘एआई इज बीटिंग द ऑड्स’ में कहा कि ऐसे समय में जब सीमापार निवेश धीमा हो रहा है और वैश्विक व्यापार टूट रहा है, तब एआई पर खर्च वर्तमान के विपरीत हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भले ही व्यापार और भू-राजनीतिक तनाव अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रहे हों, लेकिन एआई की बढ़ती मांग, आपूर्ति से कहीं ज़्यादा है। इस अंतर को पाटने के लिए वैश्विक निवेशक डेटा सेंटर और सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में पूंजी लगा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में आउटबाउंड (घरेलू कंपनी द्वारा विदेश में) एआई निवेश की हिस्सेदारी इसकी इनबाउंड (विदेशी कंपनी द्वारा घरेलू बाजार में) हिस्सेदारी से अधिक है। यह बताता है कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गज अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार कर रही हैं। मूडीज एनालिटिक्स ने कहा, पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया में विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाएं प्रमुख गंतव्य हैं। विशेष रूप से, भारत, सिंगापुर और मलेशिया तेजी से डेटा सेंटर परियोजनाओं या चिप विनिर्माण के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में खुद को स्थापित कर रहे हैं। ये बाज़ार लागत लाभ, बढ़ती मांग और प्रौद्योगिकी निवेश के लिए सहायक नीतियां प्रदान करते हैं। इसमें कहा गया है कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और डिजिटल प्रतिभा पूल इसे डेटा सेंटर प्रदाताओं और चिप उत्पादन के लिए एक आकर्षक स्थान बनाते हैं।