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12-06-2025

‘कैपेक्स बढऩे से बीते एक दशक में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का हुआ तेज विकास’

  •  भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का बीते एक दशक में तेज विकास हुआ है। इसकी वजह पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) करीब 6 गुना बढक़र वित्त वर्ष 2025-26 में 11.21 लाख करोड़ रुपए होना है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 2 लाख करोड़ रुपए था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बयान दिया। वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत व्यय का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में तेज से प्रगति हुई है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सडक़ परिवहन के लिए बजट आवंटन 860 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर दिया गया है। मेट्रो रेल नेटवर्क के लिए बजट आवंटन में चार गुना वृद्धि की गई है, जिससे यह 2014 में मात्र 248 किलोमीटर था, 2025 में 1,011 किलोमीटर हो जाएगा।’ वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अटल सुरंग से लेकर चिनाब ब्रिज तक भारत की इंजीनियरिंग की उपलब्धियां देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर लैंडस्केप को बदल रही हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘ये इंजीनियरिंग मार्वल आधुनिक, जुड़े हुए और समृद्ध भारत के लिए पीएम मोदी के विजन को दर्शाते हैं।’ सरकार वित्त वर्ष 25 के लिए अपने संशोधित पूंजीगत व्यय लक्ष्य 10.18 लाख करोड़ रुपए को मामूली अंतर से पार कर सकती है। केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 10.18 लाख करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) कर दिया गया था। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार द्वारा 11.21 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय आवंटन निर्धारित किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, 2025-26 के बजट में सरकार के पूंजीगत व्यय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते उपभोग स्तरों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। 2025-26 के बजट में प्रभावी पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 4.3 प्रतिशत है, जबकि राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत है।

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‘कैपेक्स बढऩे से बीते एक दशक में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का हुआ तेज विकास’

 भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर का बीते एक दशक में तेज विकास हुआ है। इसकी वजह पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) करीब 6 गुना बढक़र वित्त वर्ष 2025-26 में 11.21 लाख करोड़ रुपए होना है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 2 लाख करोड़ रुपए था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बयान दिया। वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत व्यय का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में तेज से प्रगति हुई है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सडक़ परिवहन के लिए बजट आवंटन 860 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर दिया गया है। मेट्रो रेल नेटवर्क के लिए बजट आवंटन में चार गुना वृद्धि की गई है, जिससे यह 2014 में मात्र 248 किलोमीटर था, 2025 में 1,011 किलोमीटर हो जाएगा।’ वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अटल सुरंग से लेकर चिनाब ब्रिज तक भारत की इंजीनियरिंग की उपलब्धियां देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर लैंडस्केप को बदल रही हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘ये इंजीनियरिंग मार्वल आधुनिक, जुड़े हुए और समृद्ध भारत के लिए पीएम मोदी के विजन को दर्शाते हैं।’ सरकार वित्त वर्ष 25 के लिए अपने संशोधित पूंजीगत व्यय लक्ष्य 10.18 लाख करोड़ रुपए को मामूली अंतर से पार कर सकती है। केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय लक्ष्य को 11.1 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 10.18 लाख करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान) कर दिया गया था। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार द्वारा 11.21 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय आवंटन निर्धारित किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, 2025-26 के बजट में सरकार के पूंजीगत व्यय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते उपभोग स्तरों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। 2025-26 के बजट में प्रभावी पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 4.3 प्रतिशत है, जबकि राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत है।


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