TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-06-2025

एग्रीकल्चर सेक्टर में पिछले 11 वर्षों में बड़ा बदलाव आया, बजट हुआ पांच गुना : सरकार

  •  सरकार ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में विभिन्न सरकारी योजनाओं और बढ़े हुए बजटीय आवंटन के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में ‘गहरा परिवर्तन’ हुआ है, जिससे किसानों को खाद्य सुरक्षा से लेकर वैश्विक खाद्य नेतृत्व तक देश का नेतृत्व करने का अधिकार मिला है। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परिवर्तन ने छोटे किसानों, महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों और संबद्ध क्षेत्रों का समर्थन करके समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि भारत को वैश्विक कृषि नेता के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने कहा, पिछले 11 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है, जो बीज से बाजार तक के दर्शन पर आधारित है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए बजट अनुमान 2013-14 में 27,663 करोड़ रुपये से बढक़र 2024-25 में 1,37,664.35 करोड़ रुपये हो गया है, जो लगभग पांच गुना वृद्धि है। भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 26.50 करोड़ टन से बढक़र 2024-25 में अनुमानित 34.74 करोड़ टन हो गया है, जो कृषि उत्पादन में मजबूत वृद्धि दर्शाता है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। गेहूं का एमएसपी 2013-14 में 1,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 2024-25 में 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जबकि धान का मूल्य 2013-14 में 1,310 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 2025-26 में 2,369 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। फरवरी, 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.7 लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने 7.71 करोड़ किसानों को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है। खरीद के आंकड़े विभिन्न फसलों में सुधार दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2024-25 के बीच खरीफ फसल की खरीद कुल 78.71 करोड़ टन रही, जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह खरीद 46.79 करोड़ टन थी। एमएसपी पर दलहनों की खरीद 2009-2014 के दौरान 1,52,000 टन से बढक़र 2020-2025 के दौरान 83 लाख टन हो गई, जबकि एमएसपी पर तिलहन की खरीद पिछले 11 वर्षों में कई गुना बढ़ गई। सरकार का दृष्टिकोण आधुनिक सिंचाई, ऋण पहुंच, डिजिटल बाज़ार और कृषि-प्रौद्योगिकी नवाचारों पर केंद्रित रहा है, जबकि बाजरा की खेती और प्राकृतिक खेती जैसी पारंपरिक प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित किया गया है। डेयरी और मत्स्य पालन सहित संबद्ध क्षेत्रों का भी विस्तार हो रहा है। बयान के अनुसार, जैसे-जैसे भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, इसके सशक्त किसान देश को खाद्य सुरक्षा से लेकर वैश्विक खाद्य नेतृत्व तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

Share
एग्रीकल्चर सेक्टर में पिछले 11 वर्षों में बड़ा बदलाव आया, बजट हुआ पांच गुना : सरकार

 सरकार ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में विभिन्न सरकारी योजनाओं और बढ़े हुए बजटीय आवंटन के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में ‘गहरा परिवर्तन’ हुआ है, जिससे किसानों को खाद्य सुरक्षा से लेकर वैश्विक खाद्य नेतृत्व तक देश का नेतृत्व करने का अधिकार मिला है। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परिवर्तन ने छोटे किसानों, महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों और संबद्ध क्षेत्रों का समर्थन करके समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि भारत को वैश्विक कृषि नेता के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने कहा, पिछले 11 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है, जो बीज से बाजार तक के दर्शन पर आधारित है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए बजट अनुमान 2013-14 में 27,663 करोड़ रुपये से बढक़र 2024-25 में 1,37,664.35 करोड़ रुपये हो गया है, जो लगभग पांच गुना वृद्धि है। भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 26.50 करोड़ टन से बढक़र 2024-25 में अनुमानित 34.74 करोड़ टन हो गया है, जो कृषि उत्पादन में मजबूत वृद्धि दर्शाता है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। गेहूं का एमएसपी 2013-14 में 1,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 2024-25 में 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जबकि धान का मूल्य 2013-14 में 1,310 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 2025-26 में 2,369 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। फरवरी, 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.7 लाख करोड़ रुपये वितरित किए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने 7.71 करोड़ किसानों को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है। खरीद के आंकड़े विभिन्न फसलों में सुधार दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2024-25 के बीच खरीफ फसल की खरीद कुल 78.71 करोड़ टन रही, जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच यह खरीद 46.79 करोड़ टन थी। एमएसपी पर दलहनों की खरीद 2009-2014 के दौरान 1,52,000 टन से बढक़र 2020-2025 के दौरान 83 लाख टन हो गई, जबकि एमएसपी पर तिलहन की खरीद पिछले 11 वर्षों में कई गुना बढ़ गई। सरकार का दृष्टिकोण आधुनिक सिंचाई, ऋण पहुंच, डिजिटल बाज़ार और कृषि-प्रौद्योगिकी नवाचारों पर केंद्रित रहा है, जबकि बाजरा की खेती और प्राकृतिक खेती जैसी पारंपरिक प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित किया गया है। डेयरी और मत्स्य पालन सहित संबद्ध क्षेत्रों का भी विस्तार हो रहा है। बयान के अनुसार, जैसे-जैसे भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, इसके सशक्त किसान देश को खाद्य सुरक्षा से लेकर वैश्विक खाद्य नेतृत्व तक ले जाने के लिए तैयार हैं।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news