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12-06-2025

इंडिया में सोशल सिक्योरिटी दायरा 10 साल में 19 प्रतिशत से बढक़र 64 प्रतिशत पर

  •  अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कहा है कि भारत में सोशल सिक्योरिटी दायरे में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। 2025 में यह कुल आबादी के 64.3 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 19 प्रतिशत था। आईएलओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्तमान में 94 करोड़ नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी प्रदान करता है। इसके साथ लाभार्थियों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। आईएलओ के अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 113वें सत्र में भाग लेने के लिए जिनेवा गये श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बयान में कहा, ‘‘यह दुनिया भर में सोशल सिक्योरिटी दायरे में सबसे तेज विस्तार है। यह ‘अंत्योदय’ यानी अंतिम छोड़ पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने और किसी को भी पीछे न छोडऩे के वादे को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आईएलओ ने भारत की उपलब्धि को स्वीकार किया है और आधिकारिक तौर पर यह प्रकाशित किया है कि भारत की 64.3 प्रतिशत आबादी, यानी 94 करोड़ से अधिक लोग अब कम-से-कम एक सोशल सिक्योरिटी लाभ के अंतर्गत आते हैं। वैश्विक निकाय ने कहा है कि पिछले एक दशक में यह उल्लेखनीय 45 प्रतिशत की वृद्धि है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बयान के अनुसार, आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों और मजदूर वर्ग के लिए भारत की जन केंद्रित कल्याणकारी नीतियों की प्रशंसा की है। मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक देश के लिए योजना पर विचार करने के लिए आईएलओ के मानदंडों में योजना को विधायी रूप से समर्थन प्राप्त होना, नकद और सक्रिय होना और पिछले तीन वर्षों के सत्यापित ‘टाइम सीरीज’ आंकड़े प्रदान किया जाना शामिल है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान आंकड़ा केवल चरण एक को बताता है। इस चरण में चयनित आठ राज्यों में केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और महिला-केंद्रित योजनाओं के लाभार्थी आंकड़ों पर ध्यान दिया गया।’’ चरण दो और आगे के आंकड़ों के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि भारत का कुल सोशल सिक्योरिटी दायरा जल्द ही आईएलओ द्वारा अतिरिक्त योजनाओं के सत्यापन पर 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा।

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इंडिया में सोशल सिक्योरिटी दायरा 10 साल में 19 प्रतिशत से बढक़र 64 प्रतिशत पर

 अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने कहा है कि भारत में सोशल सिक्योरिटी दायरे में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। 2025 में यह कुल आबादी के 64.3 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 19 प्रतिशत था। आईएलओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्तमान में 94 करोड़ नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी प्रदान करता है। इसके साथ लाभार्थियों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। आईएलओ के अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 113वें सत्र में भाग लेने के लिए जिनेवा गये श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बयान में कहा, ‘‘यह दुनिया भर में सोशल सिक्योरिटी दायरे में सबसे तेज विस्तार है। यह ‘अंत्योदय’ यानी अंतिम छोड़ पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने और किसी को भी पीछे न छोडऩे के वादे को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आईएलओ ने भारत की उपलब्धि को स्वीकार किया है और आधिकारिक तौर पर यह प्रकाशित किया है कि भारत की 64.3 प्रतिशत आबादी, यानी 94 करोड़ से अधिक लोग अब कम-से-कम एक सोशल सिक्योरिटी लाभ के अंतर्गत आते हैं। वैश्विक निकाय ने कहा है कि पिछले एक दशक में यह उल्लेखनीय 45 प्रतिशत की वृद्धि है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बयान के अनुसार, आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों और मजदूर वर्ग के लिए भारत की जन केंद्रित कल्याणकारी नीतियों की प्रशंसा की है। मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक देश के लिए योजना पर विचार करने के लिए आईएलओ के मानदंडों में योजना को विधायी रूप से समर्थन प्राप्त होना, नकद और सक्रिय होना और पिछले तीन वर्षों के सत्यापित ‘टाइम सीरीज’ आंकड़े प्रदान किया जाना शामिल है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान आंकड़ा केवल चरण एक को बताता है। इस चरण में चयनित आठ राज्यों में केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं और महिला-केंद्रित योजनाओं के लाभार्थी आंकड़ों पर ध्यान दिया गया।’’ चरण दो और आगे के आंकड़ों के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि भारत का कुल सोशल सिक्योरिटी दायरा जल्द ही आईएलओ द्वारा अतिरिक्त योजनाओं के सत्यापन पर 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा।


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