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10-06-2025

SEZ नियमों में किया बदलाव, देश में हाई-टेक मैन्युफेक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा

  •  केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नियमों में सुधार पेश किए हैं। इन हाई टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नियमों में संशोधन किए गए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एसईजेड नियम, 2006 के नियम 5 में संशोधन के बाद सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए विशेष रूप से स्थापित एसईजेड को केवल 10 हेक्टेयर के न्यूनतम भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होगी, जो पहले 50 हेक्टेयर थी। इसके अलावा, एसईजेड नियम, 2006 के नियम 7 में संशोधन से एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड को एसईजेड भूमि को केंद्र या राज्य सरकार या उनकी अधिकृत एजेंसियों के पास लीज पर दिए जाने के मामले में ऋण-मुक्त होने की शर्त में ढील की अनुमति मिलती है। संशोधित नियम 53 के तहत नि:शुल्क आधार पर प्राप्त और सप्लाई की गई वस्तुओं के मूल्य को शुद्ध विदेशी मुद्रा (एनएफई) गणना में शामिल किया जाएगा। साथ ही लागू सीमा शुल्क मूल्यांकन नियमों का उपयोग कर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा, एसईजेड के नियम 18 में संशोधन किया गया है ताकि सेमीकंडक्टर के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एसईजेड यूनिट को लागू शुल्कों के भुगतान के बाद घरेलू टैरिफ क्षेत्र में भी घरेलू आपूर्ति करने की अनुमति दी जा सके। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, इन संशोधनों से देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विकास होगा और देश में उच्च कौशल वाली नौकरियां पैदा होंगी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन संशोधनों को वाणिज्य विभाग द्वारा 3 जून, 2025 को अधिसूचित किया गया है। इसके बाद, एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड ने क्रमश: सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एसईजेड की स्थापना के लिए माइक्रोन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसटीआई) और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एक्वस ग्रुप) से प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

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SEZ नियमों में किया बदलाव, देश में हाई-टेक मैन्युफेक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा

 केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नियमों में सुधार पेश किए हैं। इन हाई टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नियमों में संशोधन किए गए हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एसईजेड नियम, 2006 के नियम 5 में संशोधन के बाद सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए विशेष रूप से स्थापित एसईजेड को केवल 10 हेक्टेयर के न्यूनतम भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होगी, जो पहले 50 हेक्टेयर थी। इसके अलावा, एसईजेड नियम, 2006 के नियम 7 में संशोधन से एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड को एसईजेड भूमि को केंद्र या राज्य सरकार या उनकी अधिकृत एजेंसियों के पास लीज पर दिए जाने के मामले में ऋण-मुक्त होने की शर्त में ढील की अनुमति मिलती है। संशोधित नियम 53 के तहत नि:शुल्क आधार पर प्राप्त और सप्लाई की गई वस्तुओं के मूल्य को शुद्ध विदेशी मुद्रा (एनएफई) गणना में शामिल किया जाएगा। साथ ही लागू सीमा शुल्क मूल्यांकन नियमों का उपयोग कर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा, एसईजेड के नियम 18 में संशोधन किया गया है ताकि सेमीकंडक्टर के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एसईजेड यूनिट को लागू शुल्कों के भुगतान के बाद घरेलू टैरिफ क्षेत्र में भी घरेलू आपूर्ति करने की अनुमति दी जा सके। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, इन संशोधनों से देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विकास होगा और देश में उच्च कौशल वाली नौकरियां पैदा होंगी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन संशोधनों को वाणिज्य विभाग द्वारा 3 जून, 2025 को अधिसूचित किया गया है। इसके बाद, एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड ने क्रमश: सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एसईजेड की स्थापना के लिए माइक्रोन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसटीआई) और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एक्वस ग्रुप) से प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।


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