आरबीआई ने कहा कि बैंकों द्वारा दिए गए कुल कर्ज में महानगरों यानि मेट्रो शहरों में स्थित शाखाओं की हिस्सेदारी मार्च, 2025 में घटकर 58.7% रह गई, जो 5 साल पहले 63.5% थी। इसका मुख्य कारण ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी शाखाओं में ऋण वृद्धि का तेजी से बढऩा है। आरबीआई ने कहा, ‘‘महानगरों की तुलना में ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी क्षेत्रों में अधिक ऋण वृद्धि हुई है। कुल ऋण में मेट्रो शहरों की शाखाओं की हिस्सेदारी मार्च, 2025 में घटकर 58.7% रह गई, जो 5 साल पहले 63.5% थी।’’ दिलचस्प बात यह है कि जमा के नजरिए से महानगरों की बैंक शाखाएं अन्य समूहों की तुलना में अधिक वृद्धि दर्ज कर रही हैं। इसमें कहा कि जमाराशि में प्रमुख हिस्सा रहीं महानगरीय क्षेत्रों में स्थित बैंक शाखाओं ने मार्च, 2025 में 11.7% वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जबकि ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी केंद्रों में क्रमश: 10.1%, 8.9% और 9.3 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।