इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा है कि वैश्विक व्यवसाय अब दुनिया को एकल बाजार के रूप में नहीं देख सकते हैं और इसकी जगह उन्हें अब छितरे हुए समूहों और देशों में विभाजित परिवेश के बीच आगे बढऩा होगा। उन्होंने बताया कि कई रुझान आपस में एक दूसरे को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे कंपनियों को अपने मूल सिद्धांतों की फिर से जांच करने और बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता के सामने रणनीतिक विकल्प बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन्फोसिस की 2024-25 के लिए वार्षिक रिपोर्ट में नीलेकणि ने बताया कि भू-राजनीति स्थितियों के अनुसार कंपनियों को अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भू-राजनीति हमारे जीवन को प्रभावित कर रही है, हमें दुनिया को एक एकल वैश्विक बाजार के रूप में नहीं, बल्कि छितरे हुए समूहों और देशों के रूप में समझना होगा। इसका मतलब है रणनीतिक विकल्प बनाना और यहां तक कि इन ब्लॉक के बीच आगे बढ़ाना।’’