चालू वर्ष में पांच लाख इन्डियन ट्यूरिस्ट को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीलंका ट्यूरिज्म डवलपमेंट ऑथोरिटी के चेयरमेन के अनुसार वेडिंग, एमआईसीई (मीटिंग्स, इंसेंटिव्ज, कॉन्फे्रंस, एक्जीबीशन)पर फोकस है। गत वर्ष श्रीलंका ने करीब 2.05 मिलियन इंटरनेशनल विजिटर्स को रिसीव किया। भारत उनके लिये सबसे बड़ा सोर्स मार्केट है। चालू वर्ष के पहले आठ माह में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत रही है। गत वर्ष कुल मिलाकर 4.16 लाख इन्डियंस ने विजिट की थी। चालू वर्ष में पांच लाख ट्यूरिस्ट की उम्मीद की जा रही है। भारतीय पर्यटक कोलम्बो, बेंटोटा के अलावा रामायण ट्रेल्स का भ्रमण भी करते हैं। ऐसे में इन्डियन ट्यूरिस्ट के लिये लोकेशंस की लिस्ट लम्बी है। पहली बार श्रीलंका ने भारत में मल्टी सिटी रोड शो किया और इसका मकसद श्रीलंका को वेडिंग डेस्टीनेशन के रूप में प्रमोट करना था। वहां के लोकेशंस के बारे में बताया गया ताकि कपल्स वहां पर वेडिंग प्लान कर सकें। इजी कनेक्टिविटी, फ्री वीजा, कल्चरल कनेक्ट श्रीलंका को भारतीयों के लिये पसंदीदा डेस्टीनेशन बनाते हैं। वर्तमान में एवरेंज स्पेंड पर ट्यूरिस्ट पर डे करीब 170 डॉलर है। इसे बढ़ाकर 180 डॉलर करवाने का प्रयास है। गौरतलब है कि वर्ष 2026 में श्रीलंका 2.6 मिलियन फॉरिन विजिटर्स की उम्मीद कर रहा है। वेस्ट एशिया से अराइवल्स बढ़ रहे हैं। ईस्ट यूरोप, थाईलैंड और जापान से भी ग्रोथ देखने को मिल रही है।