कन्वीनियंस के कारण देश में रेडी-टू-कुक मील्स (आरटीसी)का वर्चस्व बढ़ रहा है। गत दो वर्षों में पैक्ड फूड में आरटीसी ही एक ऐसी श्रेणी है, जिसका वॉल्यूम डबल हो गया है। करीब 18 मिलियन एडीशनल हाउसहोल्ड्स ने इस बैंडवेगन पर सवारी शुरू की है। पैक्ड फूड कैटेगरी में सिंगल डिजिट यानि आठ प्रतिशत की ग्रोथ विटनैस की गई है जबकि आरटीसी में 58 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। कंतार वल्र्डपैनल के डेटा के अनुसार गत वर्ष यह आंकड़े प्रदर्शित किए गये हैं। डोसा बैटर, करी से लेकर केक मिक्स तक शॉपर्स को रास आ रही श्रेणियां हैं। परिवार में डबल इनकम आने, बिजी शेड्यूल के बीच अरबन लाइफस्टाइल में यह श्रेणी काफी गति पकड़ रही है। आरटीसी के प्रसार के साथ रेडी-टू-ईट यानि आरटीई श्रेणी अपना मैदान खो रही है। आरटीई श्रेणी के फूड प्रोडक्ट्स को सीधे गर्म कर के खाना होता है लेकिन गत दो वर्ष में वॉल्यूम पचास प्रतिशत कम हो गया है। कंतार वल्र्डपैनल डिविजन के साउथ एशिया मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार सेमी कुक्ड फूड ऑप्शंस के प्रति रुचि बढ़ रही है। इससे होम कुक्ड फूड का एक्सपीरियंस महसूस होता है लेकिन रैडी-टू-ईट फूड में फे्रशनैस नहीं लगती है। अब क्योंकि कन्वीनियंस किंग की भूमिका में है, तो मार्केट भी इस तरह से डवलप हो रहे हैं, जो कन्ज्यूमर्स को कन्वीनियंस दे पायें। कोविड के बाद हैल्थ के प्रति अवेयर कन्ज्यूमर्स फे्रश मील्स लेना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में ब्राण्ड्स इसी लाइन ऑफ इनोवेशन को फॉलो कर रहे हैं। कम्पनियां अपने प्रोडक्ट्स ऑफरिंग को इस राह पर ही बढ़ा रही हैं। आईटीसी, फ्रोजन एंड फे्रश फूड्स वाइस पे्रसीडेंट और बिजनेस हैड ने कहा है कि ओरवऑल रेडी-टू-कुक कैटेगरी में गत कुछ वर्षों में ग्रोथ देखने को मिली है। क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म का प्रसार होने से एसेसेबिलिटी बढ़ी है। ऐसे में ग्रॉसरी बास्केट में आरटीसी मील्स की शॉपिंग बढ़ी है। कुछ वर्षों पूर्व तक कन्वीनियंस कैटेगरी पैक्ड फूड सेगमेंट में करीब पांच प्रतिशत की थी लेकिन अब यह आठ प्रतिशत शेयर ले रही है। धर्मपाल सत्यपाल गु्रप के वाइस चेयरपर्सन ने कहा है कि वे गोरमेत, रेडी-टू-कुक गे्रवी सेगमेंट में वर्ष 2023 में आये। यह प्रोडक्ट्स पापूलर हो रहे हैं। कुकिंग प्रोसेस में काम आने वाले यह प्रोडक्ट्स कन्वीनियंस देते हैं, ऐसे में इनकी डिमांड बढ़ रही है।