टमाटर की कीमतों में आपूर्ति और मांग बढऩे से मजबूती आई हुई है। कुछ समय के लिए कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं (जैसे अत्यधिक गर्मी या बारिश) या कम बुवाई के कारण इसके भाव फिर से बढ़ सकते है। किसानों को सलाह दी जाती है कि, वे निराशा न हों और अपनी फसल का ध्यान रखें, क्योंकि कीमतों में आगे बदलाव आने की संभावना है। टमाटर की खेती किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकती है, कुल मिलाकर, टमाटर का भविष्य नई किस्मों और बाजार की गतिशीलता पर निर्भर करेगा। आजादपुर मंडी में टमाटर की कीमतों 100/200 रुपए की तेजी आने बैंगलोर क्वालिटी के टमाटर 500/100 रुपए सोलन 500/700 रुपए शिमला 500/800 रुपए प्रति 25 किलो के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। आज टमाटर की आवक 50 छोटी गाड़ी के आसपास हुई है। व्यापारियों ने बताया कि, इस समय मंडियों में माल कम आ रहा है। जिससे मजबूती देखने को मिल रही है, इसके अलावा गर्मी अधिक होने एवं मौसम खराब होने से उत्पादन मंडियों में टमाटर खराब हो रहा है। जिससे आगे चलकर टमाटर में मजबूती आने की संभावना लग रही है। गर्मियों में, खासकर जून-जुलाई के महीनों में, टमाटर की फसल पर गर्मी का असर पड़ता है जिससे उत्पादन कम होता है, और ट्रांसपोर्टेशन में भी दिक्कतें आती हैं, इस वजह से दाम बढऩे की संभावना होती है। हाल ही में कुछ मंडियों में टमाटर की आवक में कमी देखी गई है, खासकर बेंगलुरु और शिमला जैसे क्षेत्रों से टमाटर की आवक कम आ रही है, जिससे इसके दाम बढ़ गए हैं। मानसून से टमाटर की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। अच्छी बारिश से फसल अच्छी होती है, और आवक बढ़ती है, जिससे दाम कम होते हैं। लेकिन अगर बहुत ज्यादा बारिश या बेमौसम बारिश होती है, तो फसल को नुकसान हो सकता है और दाम बढ़ सकते हैं। हर शहर या मंडी में टमाटर के दाम अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकि स्थानीय आपूर्ति और मांग का भी बड़ा प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर, मौजूदा गर्मी और आवक की कमी को देखते हुए, अगले कुछ हफ्तों तक टमाटर के दामों में थोड़ी तेजी आने की संभावना लग रही है। हालांकि, मानसून की प्रगति और नई फसल की आवक के आधार पर आगे इसमें बदलाव आ सकता है। वहीं दूसरी ओर सब्जियों की कीमतों में मिलाजला रुक बना हुआ है। यहां पर सब्जियों के भाव जैसे बैगन 20/30 धनिया पत्ता 35/50 मटर 40/60 शिमला मिर्च 25/40 मूली 15/25 भिंडी 15/25 फूलगोभी 20/30 रुपए प्रति किलो बिक रहे है।