गत सप्ताह ईरान-इजराईल सीजफायर होने से बारीक चावल में पुन: 200/400 रुपए का उछाल आ गया। राजमां चित्रा, काबुली चना भी 300/400 रुपए बढ़ गये। वहीं मूंग, उड़द, तुवर में मंदे का रूख बना रहा। आलोच्य सप्ताह गत दस दिनों से चल रहे ईरान-इजराईल युद्घ का सीजफायर हो गया जिसके चलते 200/400 रुपए बढक़र 1718 सेला चावल 6700/6800 रुपए एवं 1509 सेला चावल 6300/6400 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। इसी अनुपात में 1401 एवं 1408 सहित सभी तरह के बासमती प्रजाति के चावल में तेजी का रूख बना रहा। इसके अलावा काबुली चना भी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से घरेलू व निर्यात पूछपरख आते ही महाराष्टï्र का कच्चा माल 400 रुपए बढक़र 6900/7200 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। कर्नाटक व इंडियन मैक्सिको माल में भी इसी अनुपात में बढ़त लिए बाजार बंद हुये। राजमां चित्रा भी 300/400 रुपए बढक़र वरूण भूटानी माल 8400/8500 रुपए, इंडियन ब्राजील 10400/10800 रुपए एवं चाईना 11500रुपए/11800 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर जा पहुंचे। मुंबई में भी इसी अनुपात में बढ़ाकर बोलने लगे। गौरतलब है कि पूना, सतारा, वाई लाईन में अधिक बरसात होने से राजमां चित्रा की बिजाई जो 70 प्रतिशत बाकी थी वह 15-20 दिन लेट हो जायेगी जिससे वरूण माल की बिकवाली घट गयी है। दूसरी ओर चाईना के माल हाजिर में यहां नहीं है तथा चाईना में 30/40 डॉलर प्रतिटन बढ़ाकर बोलने लगे हैं। दूसरी ओर दलहनों में उड़द ग्राहकी कमजोर होने एवं चेन्नई में घटाकर आयातकों की बिकवाली से 200 रुपए टूटकर यहां एसक्यू 7700/7725 रुपए एवं एफएक्यू 6900/6925 रुपए प्रति क्विंटल रह गये। मूंग भी ऊपर के भाव से 200 रुपए घटकर क्वालिटी अनुसार गर्मी वाली 6300/7300 रुपए के बीच रह गयी। बढिय़ा सलेक्टेड माल 1-2 थोक 7500 रुपए भी बोले गये, लेकिन लिवाल नहीं थे। तुवर भी ग्राहकी कमजोर होने एवं आयातकों की बिकवाली से 150 रुपए घटकर लेमन 6700 रुपए रह गयी। अन्य दलहनों में मिलाजुला रूख रहा।