ग्राहकी कमजोर होने एवं आपूर्ति बढऩे से हाल ही में बिनौला तेल के भाव 550 रुपए प्रति कुंतल घट गए। भविष्य में भी इसमे और अधिक गिरावट की संभावना कम है। वनस्पति घी निर्माताओं एवं रिफाइंड वालों की माग घटने से एक माह के दौरान बिनौला तेल के भाव ऊपरी स्तर से 550 रुपए घटकर 11850 रूपए प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि उक्त अवधि के दौरान पंजाब की मंडियों में बिनौला के भाव 4100/4200 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे। गुजरात व महाराष्ट्र के मंडियों में भी बिकवाली क मजोर होने से बिनौला तेल की कीमतों में मजबूती का रुख रहा। देश में कपास का उत्पादन राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना इत्यादि राज्यों में होता है। सीजन के दौरान देश में कपास का उत्पादन मैं गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसके कारण बिनौले के उपलब्धता कमजोर रह। उत्तर भारत की मंडियों में पंजाब की मंडियों में रूई की आवक लगभग समाप्त हो गई है। सरकार द्वारा खाद्य तेल की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए क्रूड सूरजमुखी, सोयाबीन, क्रूड पाम ऑयल का आयात शुल्क 20 से घटकर 10 प्रतिशत कर दिया गया। जिसके कारण विदेशी तेलों सोया, सूरजमुखी तेल की कीमतों मे गिरावट रही। आपूर्ति एवं मांग को देखते हुए भविष्य में बिनौला तेल की कीमतों में और अधिक गिरावट की संभावना कम है। बाजार 200/300 रुपए के उतार-चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।