राजमां चित्रा का उत्पादन इस बार अधिक हुआ था, जिससे सीजन के शुरुआत में ही बाजार तेज होने के बाद पिछले डेढ़ महीने से दबे हुए हैं, लेकिन चीन में माल शॉर्टेज में बनने से इस महीने के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो राजमां चित्रा में कम से कम 15/20 रुपए प्रति किलो बढऩे के आसार दिखाई दे रहे हैं। अत: वर्तमान भाव पर घबराकर माल काटने की कोई जरूरत नहीं है। राजमां चित्रा की फसल एक दशक पूर्व में जुलाई माह में ही आ जाती थी, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के चलते पुणे सतारा वाई खटाव कोरेगांव भरूच लाइन का माल अगस्त के अंत एवं सितंबर के प्रथम सप्ताह में ही पिछले कई वर्षों से आ रहा है। चीन का माल भी सितंबर के अंत तक दिल्ली पहुंचता है, इस तरह अभी खपत के लिए लंबा समय बाकी है। गत वर्ष भूटानी गन्ना माल का उत्पादन अधिक होने तथा पुणे सतारा लाइन की मुख्य फसल भी बढिय़ा आने से अभी तक ज्यादा तेजी नहीं बन पाई है। यह बात जरूर है कि सीजन में ही जो राजमां चित्रा उत्पादक मंडियों में 53/54 रुपए प्रति किलो देख आया था, उसके भाव 75/76 रुपए के आसपास पिछले दो महीने से चल रहे हैं। यहां भी उन मालों के भाव 80/82 रुपए के आसपास चल रहे हैं। इंडियन ब्राज़ील का उत्पादन अधिक होने से सकल उत्पादन इस बार देश में 7-8 लाख बोरी के करीब हुआ था। इंडियन ब्राज़ील 100/104 रुपए प्रति किलो के आसपास यहां चल रहे हैं, जो 80/82 रुपए तक बन गए थे। फिलहाल पिछले एक महीने से व्यापार में भारी कमी आ जाने से बाजार लगभग दबे हुए हैं, चीन का माल 107/108 रुपए प्रति किलो मुंबई में चल रहा है, लेकिन आज की तारीख में आयात सौदे करने पर 114/115 रुपए से कम में मिलना मुश्किल है। यहां भी चीन के भाव 110/112 रुपए के करीब चल रहे हैं। नई फसल आने में 3 महीने से ऊपर का यहां समय है तथा चीन का माल आने में अभी 4 महीने से ऊपर का समय लग जाएगा। वहां वास्तविकता यह है कि माल की काफी शॉर्टेज है तथा जो माल एवरेज चलनसार वहां के आयातक बोल रहे हैं, उसके भाव 115 रुपए से कम मुंबई आकर नहीं पड़ेगा। वहां 1220-1225 डॉलर प्रति टन से कम में माल नहीं मिल रहा है तथा माल की गारंटी भी नहीं है। इधर इंडियन ब्राज़ील धीरे-धीरे सभी मंडियों में निपट चुका है, दिल्ली मुंबई के कोल्ड स्टोरों में कुछ माल पड़े हैं, लेकिन वह भी ग्राहकी निकलने पर आगे चलकर शॉर्टेज में बन सकते हैं। इस समय केवल ग्राहकी कमजोर होने का मंदा आया है, बाजारों में रुपए की तंगी भी चल रही है, जिससे कारोबारी अपना माल रूटीन में घूमाने के लिए काटते जा रहे हैं। अत: वर्तमान भाव पर गुंजाइश होने पर माल खरीदना, आगे चलकर जुलाई-अगस्त में 15/20 रुपए किलो तक लाभ दे सकता है।