रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश इस साल जनवरी-मार्च अवधि में बढक़र 0.81 अरब डॉलर हो गया है। इसमें सालाना आधार पर 47 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो इस सेक्टर पर निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दिखाता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म वेस्टियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में आए निवेश में रेजिडेंशियल 62 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर रहा है। बीते वर्ष समान अवधि में कुल निवेश में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च तिमाही में रेजिडेंशियल में 506.1 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 125 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। जनवरी-मार्च अवधि में कमर्शियल एसेट्स में 307.2 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। समीक्षा अवधि में कुल निवेश में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से घटकर 38 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, इसी अवधि में निवेश वैल्यू में 33 प्रतिशत बढ़ी है। बड़ी बात यह है कि 2025 की पहली तिमाही में इंडस्ट्रीयल और वेयरहाउसिंग सेक्टर में कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि ई-कॉमर्स सेक्टर के तेजी से बढऩे और लॉजिस्टिक्स पर फोकस होने के कारण भविष्य में इसमें निवेश बढऩे की उम्मीद है। घरेलू निवेशक का भारत की ग्रोथ स्टोरी पर विश्वास बना हुआ है। हालांकि, 2025 की पहली तिमाही में विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2024 की पहली तिमाही में 2' से बढक़र 2025 की पहली तिमाही में 43% हो गई, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के कारण है। रिपोर्ट में कहा है कि वैल्यू में विदेशी निवेश सालाना आधार पर 3,054% बढक़र 2025 की पहली तिमाही में 346.9 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले 11 मिलियन डॉलर था। दूसरी ओर, घरेलू निवेशकों ने 2025 की पहली तिमाही में 57% हिस्सेदारी के साथ अपना दबदबा कायम रखा। हालांकि, एक साल पहले उनकी हिस्सेदारी 98 प्रतिशत थी। वैल्यू में घरेलू निवेश 466.4 मिलियन डॉलर रहा। इसमें 14 प्रतिशत की गिरावट हुई है।