वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी आयात वृद्धि निगरानी समूह का गठन किया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अमेरिका के चीन और वियतनाम जैसे कुछ देशों पर उच्च शुल्क लगाने से ये देश भारत में अपना माल भेज सकते हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिकी वस्तुओं पर चीन के जवाबी शुल्क से भारत में अमेरिकी कृषि उत्पादों की आवक बढ़ सकती है। वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने कहा, ‘‘शुल्क से संबंधित वैश्विक अनिश्चितताओं के साथ, जाहिर तौर पर आयात में उछाल से संबंधित आशंकाएं बढ़ गई हैं... इस पर गौर करने के लिए आयात वृद्धि निगरानी समूह का गठन किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि अगर किसी असामान्य वृद्धि की सूचना मिलती है, तो वाणिज्य मंत्रालय डंपिंग-रोधी या रक्षोपाय (सेफगार्ड) शुल्क लगाने जैसी कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि समूह वस्तुओं और देशों के अनुसार साप्ताहिक और मासिक रुझानों की निगरानी कर रहा है। श्रीनिवास ने कहा, ‘‘अगर कोई असामान्य उछाल है, तो हम इसके कारणों को समझना चाहेंगे।’’ इस समूह में वाणिज्य विभाग, डीजीएफटी (विदेश व्यापार महानिदेशालय), सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) और इंडस्ट्री एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। जरूरत पडऩे पर अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों से भी परामर्श किया जा रहा है।