TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-07-2025

जल्द ही लगा सकेंगे ‘मौसम’ पर भी ‘सट्टा’

  •  नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने कहा कि उसने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स कांट्रेक्ट (सौदे) को पेश करने का महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा। एनसीडीईएक्स ने बयान में कहा कि 26 जून को हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स की पेशकश करने के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा। यह एक लंबे समय से प्रतीक्षित बाजार साधन है। इसे किसानों और संबद्ध क्षेत्रों को अनियमित वर्षा, लू और प्रतिकूल मौसम संबंधी घटनाओं मसलन जलवायु संबंधी जोखिमों से बचाव में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस साझेदारी के साथ, एनसीडीईएक्स, आईएमडी से प्राप्त ऐतिहासिक और वास्तविक समय के आंकड़ों का उपयोग करके बाकी चीजों के अलावा वर्षा-आधारित डेरिवेटिव उत्पाद विकसित करेगा। नसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण रस्ते ने बताया, ‘‘हमारा प्रयास इसे जल्दी पेश करना है ताकि अंशधारकों को लाभ हो। हमें दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी मानसून चक्रों पर विचार करते हुए उत्पाद विकसित करने के लिए समय चाहिए। इसे नियामकीय अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने से पहले इसका परीक्षण करना होगा। अभी इसकी कोई निश्चित समयसीमा बता पाना मुश्किल है।’’

Share
जल्द ही लगा सकेंगे ‘मौसम’ पर भी ‘सट्टा’

 नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने कहा कि उसने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स कांट्रेक्ट (सौदे) को पेश करने का महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा। एनसीडीईएक्स ने बयान में कहा कि 26 जून को हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स की पेशकश करने के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा। यह एक लंबे समय से प्रतीक्षित बाजार साधन है। इसे किसानों और संबद्ध क्षेत्रों को अनियमित वर्षा, लू और प्रतिकूल मौसम संबंधी घटनाओं मसलन जलवायु संबंधी जोखिमों से बचाव में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस साझेदारी के साथ, एनसीडीईएक्स, आईएमडी से प्राप्त ऐतिहासिक और वास्तविक समय के आंकड़ों का उपयोग करके बाकी चीजों के अलावा वर्षा-आधारित डेरिवेटिव उत्पाद विकसित करेगा। नसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण रस्ते ने बताया, ‘‘हमारा प्रयास इसे जल्दी पेश करना है ताकि अंशधारकों को लाभ हो। हमें दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी मानसून चक्रों पर विचार करते हुए उत्पाद विकसित करने के लिए समय चाहिए। इसे नियामकीय अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने से पहले इसका परीक्षण करना होगा। अभी इसकी कोई निश्चित समयसीमा बता पाना मुश्किल है।’’


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news