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07-08-2025

अपनी जड़ों से जुड़े रहें छात्र : श्रीधर वेंबु

  •  जहां हर चेहरा एक सपना है, और हर सपना एक कहानी... वहीं से शुरू होती है वो उड़ान, जो बनाती है हर दिल को स्वाभिमानी। इसी सोच के साथ आगाज हुआ, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के 14वें इंडक्शन सेरेमनी ‘जेयू ओरिएंट 2025’ का, जहां 29 राज्यों से आए लगभग 7000 छात्रों और उनके माता-पिता ने इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया। यह न केवल एक अकादमिक जर्नी की शुरुआत थी बल्कि करियर निर्माण और पर्सनल डेवलेपमेंट की नई राहों का द्वार भी था। कार्यक्रम की शुरुआत जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन, ओ. पी. अग्रवाल के द्वारा हुई। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हमेशा से सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि छात्रों को ऐसा प्लेटफॉर्म देना है जहाँ वे अपने विचारों को आकार दे सकें और कॉर्पोरेट दुनिया की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें। मुख्य अतिथि श्रीधर वेंबु विद्यार्थियों को जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा दी क्योंकि जड़ों से जुड़े रहना जीवन में अति आवश्यक है। उनका कहना है कि शिक्षा का परिणाम, अंकों से नहीं मापा जा सकता और सीखने की राह का अंत नहीं है। ज्ञान और कौशलता के साथ वैल्यू बेस्ड सोच भी बहुत महत्वपूर्ण है जिसे सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ स्टूडेंट लाइफ़ में ढाला जा सकता है। गेस्ट ऑफ ऑनर अश्विन सांघी ने कहा कि भारत केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक जीवंत विचार है, हमें भारत में नहीं, भारत के साथ जीना सीखना होगा। भारत वह देश है जहां दुनिया की सबसे युवा आबादी, पृथ्वी की सबसे पुरानी सभ्यता में जी रही है। कॉग्निजेंट के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट एवं ग्लोबल हेड टैलेंट एक्विजिशन अतुल सहगल ने कहा कि आज का कॉर्पोरेट वर्ल्ड केवल डिग्री पर नहीं, बल्कि उस सोच पर निर्भर करता है जो परिवर्तन को अपनाने में सक्षम हो।

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अपनी जड़ों से जुड़े रहें छात्र : श्रीधर वेंबु

 जहां हर चेहरा एक सपना है, और हर सपना एक कहानी... वहीं से शुरू होती है वो उड़ान, जो बनाती है हर दिल को स्वाभिमानी। इसी सोच के साथ आगाज हुआ, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के 14वें इंडक्शन सेरेमनी ‘जेयू ओरिएंट 2025’ का, जहां 29 राज्यों से आए लगभग 7000 छात्रों और उनके माता-पिता ने इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया। यह न केवल एक अकादमिक जर्नी की शुरुआत थी बल्कि करियर निर्माण और पर्सनल डेवलेपमेंट की नई राहों का द्वार भी था। कार्यक्रम की शुरुआत जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन, ओ. पी. अग्रवाल के द्वारा हुई। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य हमेशा से सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि छात्रों को ऐसा प्लेटफॉर्म देना है जहाँ वे अपने विचारों को आकार दे सकें और कॉर्पोरेट दुनिया की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें। मुख्य अतिथि श्रीधर वेंबु विद्यार्थियों को जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा दी क्योंकि जड़ों से जुड़े रहना जीवन में अति आवश्यक है। उनका कहना है कि शिक्षा का परिणाम, अंकों से नहीं मापा जा सकता और सीखने की राह का अंत नहीं है। ज्ञान और कौशलता के साथ वैल्यू बेस्ड सोच भी बहुत महत्वपूर्ण है जिसे सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ स्टूडेंट लाइफ़ में ढाला जा सकता है। गेस्ट ऑफ ऑनर अश्विन सांघी ने कहा कि भारत केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक जीवंत विचार है, हमें भारत में नहीं, भारत के साथ जीना सीखना होगा। भारत वह देश है जहां दुनिया की सबसे युवा आबादी, पृथ्वी की सबसे पुरानी सभ्यता में जी रही है। कॉग्निजेंट के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट एवं ग्लोबल हेड टैलेंट एक्विजिशन अतुल सहगल ने कहा कि आज का कॉर्पोरेट वर्ल्ड केवल डिग्री पर नहीं, बल्कि उस सोच पर निर्भर करता है जो परिवर्तन को अपनाने में सक्षम हो।


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