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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

24-06-2025

‘यूनिटी मॉल और राजस्थान मंडपम् के बारे में किया गया दुष्प्रचार पूरी तरह भ्रामक एवं आधारहीन’

  •  राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन लि. (रीको) द्वारा जयपुर में दो महत्वपूर्ण सार्वजनिक परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। पहली यूनिटी मॉल, जो भारत सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना है, एवं दूसरी राजस्थान मंडपम, जो राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसकी घोषणा गत बजट में की गयी है। हाल ही में इन परियोजनाओं के संदर्भ में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि यह परियोजनाएं वन भूमि या जैव विविधता युक्त क्षेत्र में निर्मित हो रही हैं और हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। इन प्रचारों के पीछे अन्यथा उद्देश्य प्रतीत होते हैं। इस संबंध में वस्तुस्थिति निम्नानुसार स्पष्ट की जाती है:-

    भूमि की वैधता एवं प्रकृति : जिस भूमि पर उक्त दोनों परियोजनाएं विकसित हो रही हैं, वह कभी भी वन भूमि, आरक्षित भूमि या जैव विविधता क्षेत्र घोषित भूमि नहीं रही हैं। उक्त समस्त भूमि प्रारंभ से ही निजी खातेदारी भूमि रही है, जिसे राजस्थान भूमि अर्जन अधिनियम 1953 के प्रावधानों के अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु रीको के अनुरोध पर राजस्थान सरकार द्वारा हितबद्ध व्यक्तियों को मुआवजा भुगतान कर अधिग्रहित कर रीको को सौंपा गया था।
    पूर्ववर्ती वैधानिक प्रक्रिया : संबंधित भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया राजस्थान भूमि अर्जन अधिनियम, 1953 के अंतर्गत वर्ष 1982 से 1984 के बीच ही संपन्न हो चुकी थी। 1988 में यह भूमि जैम स्टोन औद्योगिक पार्क के लिए औद्योगिक उपयोग हेतु आवंटित की गई थी परन्तु आवंटन व लीज निरस्त कर दी गयी। उपरोक्त परियोजनाओं के विकास में मास्टर प्लान, भवन उपनियमों अथवा अन्य कानूनी या पर्यावरणीय प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है।
    वन एवं जैव विविधता का विश्लेषण: कतिपय संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि उक्त भू-भाग पर हजारों पेड़ लगे हैं और सैकड़ों वन्य जीव निवास करते हैं और इन परियोजनाओं के निर्माण से पर्यावरण को विनाश होगा। यह तथ्य पूरी तरह आधारहीन एवं मनगढन्त है। लंबे समय तक भूमि का उपयोग नहीं होने से कुछ पौधे व झाडिय़ाँ स्वत: उग आयी हैं तथा कुछ पेड पूर्व से ही अवस्थित हैं। मौके पर जो पेड अवस्थित हैं, उन्हें विधिवत प्रक्रिया अपनाकर शिफ्ट करने की अनुमति सक्षम स्तर से ली जाकर ही किया जा रहा है। जिन वृक्षों को हटाना परियोजना के लिये आवश्यक है, उन्हें हटाते हुये एनजीटी के आदेशों के अनुसार 10 गुणा पेड लगाये जायेंगे। इस भूमि को वन भूमि आदि घोषित करवाने के उद्देश्य से एक जनहित याचिका डी.बी. सिविल रिट संख्या 14635/2023, उनवान ‘लोक संपत्ति संरक्षण संस्थान बनाम राज्य सरकार एवं अन्य’ राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में प्रस्तुत की गई थी। उन याचिका को उच्च न्यायालय द्वारा  27 सितम्बर 2024 को यह स्वीकार करते हुये कि प्रश्नगत भूमि औद्योगिक श्रेणी की है, खारिज कर दिया गया साथ ही, याचिकाकर्ता पर महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हुए याचिका दायर करने के कारण एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया। एक अन्य प्रकरण संख्या 115/2023, ‘सुश्री कोमल श्रीवास्तव एवं अन्य बनाम पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं अन्य’, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण को भी अधिकरण द्वारा 18 सितम्बर 2023 को निस्तारित किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि यूनिटी मॉल एक राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख परियोजना है, जो ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। राजस्थान मंडपम राज्य का एक ऐसा कन्वेन्शन सेंटर होगा जो जयपुर को वैश्विक व्यापार और सम्मेलन मानचित्र पर स्थापित करेगा। साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि इन परियोजनाओं के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक या तथ्यहीन जानकारी पूर्णत: असत्य एवं प्रेरित हैं। रीको इन परियोजनाओं को सभी कानूनी और पर्यावरणीय नियमों का पूर्ण पालन करते हुए कार्यान्वित कर रहा है।
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‘यूनिटी मॉल और राजस्थान मंडपम् के बारे में किया गया दुष्प्रचार पूरी तरह भ्रामक एवं आधारहीन’

 राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन लि. (रीको) द्वारा जयपुर में दो महत्वपूर्ण सार्वजनिक परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। पहली यूनिटी मॉल, जो भारत सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना है, एवं दूसरी राजस्थान मंडपम, जो राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसकी घोषणा गत बजट में की गयी है। हाल ही में इन परियोजनाओं के संदर्भ में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि यह परियोजनाएं वन भूमि या जैव विविधता युक्त क्षेत्र में निर्मित हो रही हैं और हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। इन प्रचारों के पीछे अन्यथा उद्देश्य प्रतीत होते हैं। इस संबंध में वस्तुस्थिति निम्नानुसार स्पष्ट की जाती है:-

भूमि की वैधता एवं प्रकृति : जिस भूमि पर उक्त दोनों परियोजनाएं विकसित हो रही हैं, वह कभी भी वन भूमि, आरक्षित भूमि या जैव विविधता क्षेत्र घोषित भूमि नहीं रही हैं। उक्त समस्त भूमि प्रारंभ से ही निजी खातेदारी भूमि रही है, जिसे राजस्थान भूमि अर्जन अधिनियम 1953 के प्रावधानों के अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु रीको के अनुरोध पर राजस्थान सरकार द्वारा हितबद्ध व्यक्तियों को मुआवजा भुगतान कर अधिग्रहित कर रीको को सौंपा गया था।
पूर्ववर्ती वैधानिक प्रक्रिया : संबंधित भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया राजस्थान भूमि अर्जन अधिनियम, 1953 के अंतर्गत वर्ष 1982 से 1984 के बीच ही संपन्न हो चुकी थी। 1988 में यह भूमि जैम स्टोन औद्योगिक पार्क के लिए औद्योगिक उपयोग हेतु आवंटित की गई थी परन्तु आवंटन व लीज निरस्त कर दी गयी। उपरोक्त परियोजनाओं के विकास में मास्टर प्लान, भवन उपनियमों अथवा अन्य कानूनी या पर्यावरणीय प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है।
वन एवं जैव विविधता का विश्लेषण: कतिपय संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि उक्त भू-भाग पर हजारों पेड़ लगे हैं और सैकड़ों वन्य जीव निवास करते हैं और इन परियोजनाओं के निर्माण से पर्यावरण को विनाश होगा। यह तथ्य पूरी तरह आधारहीन एवं मनगढन्त है। लंबे समय तक भूमि का उपयोग नहीं होने से कुछ पौधे व झाडिय़ाँ स्वत: उग आयी हैं तथा कुछ पेड पूर्व से ही अवस्थित हैं। मौके पर जो पेड अवस्थित हैं, उन्हें विधिवत प्रक्रिया अपनाकर शिफ्ट करने की अनुमति सक्षम स्तर से ली जाकर ही किया जा रहा है। जिन वृक्षों को हटाना परियोजना के लिये आवश्यक है, उन्हें हटाते हुये एनजीटी के आदेशों के अनुसार 10 गुणा पेड लगाये जायेंगे। इस भूमि को वन भूमि आदि घोषित करवाने के उद्देश्य से एक जनहित याचिका डी.बी. सिविल रिट संख्या 14635/2023, उनवान ‘लोक संपत्ति संरक्षण संस्थान बनाम राज्य सरकार एवं अन्य’ राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में प्रस्तुत की गई थी। उन याचिका को उच्च न्यायालय द्वारा  27 सितम्बर 2024 को यह स्वीकार करते हुये कि प्रश्नगत भूमि औद्योगिक श्रेणी की है, खारिज कर दिया गया साथ ही, याचिकाकर्ता पर महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हुए याचिका दायर करने के कारण एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया। एक अन्य प्रकरण संख्या 115/2023, ‘सुश्री कोमल श्रीवास्तव एवं अन्य बनाम पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं अन्य’, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण को भी अधिकरण द्वारा 18 सितम्बर 2023 को निस्तारित किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि यूनिटी मॉल एक राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख परियोजना है, जो ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। राजस्थान मंडपम राज्य का एक ऐसा कन्वेन्शन सेंटर होगा जो जयपुर को वैश्विक व्यापार और सम्मेलन मानचित्र पर स्थापित करेगा। साथ ही यह स्पष्ट किया जाता है कि इन परियोजनाओं के बारे में फैलाई जा रही भ्रामक या तथ्यहीन जानकारी पूर्णत: असत्य एवं प्रेरित हैं। रीको इन परियोजनाओं को सभी कानूनी और पर्यावरणीय नियमों का पूर्ण पालन करते हुए कार्यान्वित कर रहा है।

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