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12-06-2025

प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण दोहन से हो विकास: भजनलाल शर्मा

  •  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप विकसित भारत-विकसित राजस्थान का संकल्प तेजी से  सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक कल्याण को एकमात्र ध्येय मानकर ऐसी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, जिससे प्रदेश के शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, आधारभूत संरचनाओं जैसे बुनियादी क्षेत्रों की दिशा और दशा निरंतर बदल रही है और एक सशक्त-समृद्ध राजस्थान का भविष्य सुनिश्चित हो रहा है। शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर विकसित राजस्थान-2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विजन डॉक्यूमेंट को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये विजन डॉक्यूमेंट एक कागज नहीं, बल्कि राजस्थान के विकास का मार्ग है जिसे हम धरातल पर चरणबद्ध रूप से उतारेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 के दीर्घकालीन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मध्यावधि लक्ष्य तय कर उन पर फोकस किया जाए। विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में 8 करोड़ प्रदेशवासियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, अत: विजन डॉक्यूमेंट में आमजन के सुझाव भी शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि लघु, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन, गांवों में सोलर प्लांट, फल-सब्जी मंडी, दूध संकलन केन्द्र आदि की स्थापना से पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण एवं सुनियोजित दोहन कर विकास कार्य किए जाएं ताकि भावी पीढ़ी को संसाधनों की कमी न हो। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित भारत-2047’ का विजन पेश किया है। इसके परिपेक्ष्य में विकसित राजस्थान-2047 हेतु विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने, उसकी प्रगति एवं निगरानी हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। विकसित राजस्थान-2047 का रोडमैप तैयार करते हुए राज्य के प्रमुख 45 विभागों को 13 सेक्टर्स में बांटा गया है। सभी विभागों के समन्वय से तैयार विजन डॉक्यूमेंट पर नीति आयोग से सुझाव प्राप्त करने के बाद प्रदेश के विकास का यह दस्तावेज तैयार किया जा रहा है।

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प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण दोहन से हो विकास: भजनलाल शर्मा

 मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप विकसित भारत-विकसित राजस्थान का संकल्प तेजी से  सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक कल्याण को एकमात्र ध्येय मानकर ऐसी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, जिससे प्रदेश के शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, आधारभूत संरचनाओं जैसे बुनियादी क्षेत्रों की दिशा और दशा निरंतर बदल रही है और एक सशक्त-समृद्ध राजस्थान का भविष्य सुनिश्चित हो रहा है। शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर विकसित राजस्थान-2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विजन डॉक्यूमेंट को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये विजन डॉक्यूमेंट एक कागज नहीं, बल्कि राजस्थान के विकास का मार्ग है जिसे हम धरातल पर चरणबद्ध रूप से उतारेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 के दीर्घकालीन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मध्यावधि लक्ष्य तय कर उन पर फोकस किया जाए। विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में 8 करोड़ प्रदेशवासियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, अत: विजन डॉक्यूमेंट में आमजन के सुझाव भी शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि लघु, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन, गांवों में सोलर प्लांट, फल-सब्जी मंडी, दूध संकलन केन्द्र आदि की स्थापना से पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण एवं सुनियोजित दोहन कर विकास कार्य किए जाएं ताकि भावी पीढ़ी को संसाधनों की कमी न हो। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित भारत-2047’ का विजन पेश किया है। इसके परिपेक्ष्य में विकसित राजस्थान-2047 हेतु विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने, उसकी प्रगति एवं निगरानी हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। विकसित राजस्थान-2047 का रोडमैप तैयार करते हुए राज्य के प्रमुख 45 विभागों को 13 सेक्टर्स में बांटा गया है। सभी विभागों के समन्वय से तैयार विजन डॉक्यूमेंट पर नीति आयोग से सुझाव प्राप्त करने के बाद प्रदेश के विकास का यह दस्तावेज तैयार किया जा रहा है।


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