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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

10-09-2025

मैग्नेट फ्री मोटर से EV कंपनी बनी शो स्टॉपर

  •  शो-स्टॉपर यानी वीआईपी। पुरानी कहावत है क्राइसिस में ही क्रिएशन होता है। चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट का इंडिया को एक्सपोर्ट ब्लॉक कर रखा है। हालांकि भारत सरकार ने चीन की डायरेक्ट फ्लाइट से लेकर एफडीआई तक पर से बैन हटाने की तैयारी तेज कर दी है। लेकिन चीन ने अभी भी भारत की रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई शुरू नहीं की है। भारत की दर्जन भर कंपनियां रेयर अर्थ मैग्नेट का विकल्प तैयार कर रही हैं लेकिन एक छोटी सी कंपनी ने मैग्नेट-फ्री ईवी मोटर का ट्रायल शुरू कर दिया है। फरीदाबाद की स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी की इस ईवी मोटर में रेयर अर्थ मैग्नेट्स की जरूरत ही नहीं होती। हालांकि यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है लेकिन भारत जैसे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट के लिए स्ट्रेटेजिक तो है ही। स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी के एमडी जयदीप वाधवा कहते हैं कि जल्दी ही इसका कमर्शियल प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। सात भारतीय ऑटो कंपनियां ऐसी ईवी मोटरों को टेस्ट-रन कर रही हैं और सबकुछ ठीक रहा तो एक साल के भीतर शॉपफ्लोर तक पहुंच सकती हैं। चीन ने जब भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट एक्सपोर्ट ब्लॉक किया था तब ऑटो इंक ने वर्ष 2029 तक ऐसी ईवी मोटर बनाने का टार्गेट रखा था। हालांकि चीन ने अमेरिका और यूरोप को कुछ रेयर अर्थ की शिपमेंट बहाल कर दी है लेकिन भारत के लिए नहीं। पिछले दिनों एससीओ मीटिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने रेयर अर्थ मैग्नेट का एक्सपोर्ट बहाल करने पर सहमति तो जताई है लेकिन यह कब होगा कौन जानता है। ऑटो इंक जिस ईवी मोटर पर काम कर रही हैं उनमें या तो मैग्नेट्स हैं ही नहीं या फिर फेराइट अथवा लाइट रेयर अथ्र्स का इस्तेमाल होता है जिनका कंट्रोल चीन के पास नहीं है। चीन के पास दुनिया की 90 परसेंट से अधिक रेयर अथ्र्स प्रोसेसिंग कैपेसिटी है। ईवी के साथ ही कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और मोटर मैग्नेट्स के लिए है भी रेयर अथ्र्स डिमांड बढ़ रही है। भारत के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रेयर अर्थ रिजर्व है लेकिन प्रॉसेसिंग फैसिलिटी नहीं है।भारत सरकार इन 17 रेयर अथ्र्स की माइनिंग और प्रॉसेसिंग के लिए इंसेंटिव स्कीम लाने और जापानी व साउथ कोरियाई कंपनियों के साथ मैग्नेट प्रॉडक्शन के प्लान पर काम कर रही है। बीएमडब्ल्यू और निसान पहले से ही ऐसी मैग्नेट-फ्री ईवी मोटर बना रही हैं। इससे पहले 2010 में भी जापान के साथ एक विवाद के बाद चीन ने जापान को रेयर अथ्र्स का एक्सपोर्ट ब्लॉक कर दिया था। जापानी वैज्ञानिक मसातो सागावा ने 1980 के दशक में रेयर अर्थ एलीमेंट नियोडिमियम से पहली मैग्नेट बनाई थी। भारत की स्टार्टअप चारा टेक्नोलॉजीज ने मैग्नेट-फ्री मोटर डवलप की है। कंपनी के सीईओ भक्त केशवाचार कहते हैं यह मोटर 10-15 परसेंट भारी हैं। लेकिन भारत और यूरोप से कस्टमर डिमांड आ रही है। कंपनी ने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के मोटर बनाई हैं और जल्द ही एक टन से हल्की स्मॉल कारों के लिए मैग्नेट फ्री मोटर का उत्पादन शुरू करेगी।

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मैग्नेट फ्री मोटर से EV कंपनी बनी शो स्टॉपर

 शो-स्टॉपर यानी वीआईपी। पुरानी कहावत है क्राइसिस में ही क्रिएशन होता है। चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट का इंडिया को एक्सपोर्ट ब्लॉक कर रखा है। हालांकि भारत सरकार ने चीन की डायरेक्ट फ्लाइट से लेकर एफडीआई तक पर से बैन हटाने की तैयारी तेज कर दी है। लेकिन चीन ने अभी भी भारत की रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई शुरू नहीं की है। भारत की दर्जन भर कंपनियां रेयर अर्थ मैग्नेट का विकल्प तैयार कर रही हैं लेकिन एक छोटी सी कंपनी ने मैग्नेट-फ्री ईवी मोटर का ट्रायल शुरू कर दिया है। फरीदाबाद की स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी की इस ईवी मोटर में रेयर अर्थ मैग्नेट्स की जरूरत ही नहीं होती। हालांकि यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है लेकिन भारत जैसे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट के लिए स्ट्रेटेजिक तो है ही। स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी के एमडी जयदीप वाधवा कहते हैं कि जल्दी ही इसका कमर्शियल प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा। सात भारतीय ऑटो कंपनियां ऐसी ईवी मोटरों को टेस्ट-रन कर रही हैं और सबकुछ ठीक रहा तो एक साल के भीतर शॉपफ्लोर तक पहुंच सकती हैं। चीन ने जब भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट एक्सपोर्ट ब्लॉक किया था तब ऑटो इंक ने वर्ष 2029 तक ऐसी ईवी मोटर बनाने का टार्गेट रखा था। हालांकि चीन ने अमेरिका और यूरोप को कुछ रेयर अर्थ की शिपमेंट बहाल कर दी है लेकिन भारत के लिए नहीं। पिछले दिनों एससीओ मीटिंग के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने रेयर अर्थ मैग्नेट का एक्सपोर्ट बहाल करने पर सहमति तो जताई है लेकिन यह कब होगा कौन जानता है। ऑटो इंक जिस ईवी मोटर पर काम कर रही हैं उनमें या तो मैग्नेट्स हैं ही नहीं या फिर फेराइट अथवा लाइट रेयर अथ्र्स का इस्तेमाल होता है जिनका कंट्रोल चीन के पास नहीं है। चीन के पास दुनिया की 90 परसेंट से अधिक रेयर अथ्र्स प्रोसेसिंग कैपेसिटी है। ईवी के साथ ही कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी और मोटर मैग्नेट्स के लिए है भी रेयर अथ्र्स डिमांड बढ़ रही है। भारत के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा रेयर अर्थ रिजर्व है लेकिन प्रॉसेसिंग फैसिलिटी नहीं है।भारत सरकार इन 17 रेयर अथ्र्स की माइनिंग और प्रॉसेसिंग के लिए इंसेंटिव स्कीम लाने और जापानी व साउथ कोरियाई कंपनियों के साथ मैग्नेट प्रॉडक्शन के प्लान पर काम कर रही है। बीएमडब्ल्यू और निसान पहले से ही ऐसी मैग्नेट-फ्री ईवी मोटर बना रही हैं। इससे पहले 2010 में भी जापान के साथ एक विवाद के बाद चीन ने जापान को रेयर अथ्र्स का एक्सपोर्ट ब्लॉक कर दिया था। जापानी वैज्ञानिक मसातो सागावा ने 1980 के दशक में रेयर अर्थ एलीमेंट नियोडिमियम से पहली मैग्नेट बनाई थी। भारत की स्टार्टअप चारा टेक्नोलॉजीज ने मैग्नेट-फ्री मोटर डवलप की है। कंपनी के सीईओ भक्त केशवाचार कहते हैं यह मोटर 10-15 परसेंट भारी हैं। लेकिन भारत और यूरोप से कस्टमर डिमांड आ रही है। कंपनी ने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के मोटर बनाई हैं और जल्द ही एक टन से हल्की स्मॉल कारों के लिए मैग्नेट फ्री मोटर का उत्पादन शुरू करेगी।


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