मारुति सुजुकी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 3,32,585 यूनिट्स की शिपिंग के साथ एक्सपोर्ट सेल्स का रिकॉर्ड बनाया है जो वित्त वर्ष 24 में 2,83,067 यूनिट्स के एक्सपोर्ट की तुलना में 17.5 परसेंट ज्यादा है। भारत के कुल पीवी एक्सपोर्ट में कंपनी का शेयर लगभग 43 परसेंट रहा। कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में फ्रॉन्क्स, जिम्नी, बलेनो, स्विफ्ट और डिजायर सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किए गए मॉडल थे। कंपनी के लिए टॉप इंटरनेशन मार्केट्स साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली, जापान और मैक्सिको थे। हालांकि घरेलू मार्केट्स में कंपनी की सेल्स में 1 परसेंट की मामूली कमी आई। इसका कारण मिनी और कॉम्पेक्ट हैचबैक सैगमेंट की सेल्स पर पड़ रहा दबाव है। मिनी सेगमेंट (ऑल्टो, एस-प्रेसो) वित्त वर्ष 2023-24 में 142,094 यूनिट्स बिकी थीं जो वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 125,770 यूनिट्स रह गईं। कॉम्पैक्ट सेगमेंट (बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, वैगनआर)में वित्त वर्ष 2023-24 में 828,015 यूनिट्स बिकी थीं, जो 2024-25 में घटकर 770,737 यूनिट्स रह गईं। दूसरी ओर, एसयूवी सेगमेंट में भारी उछाल देखा गया। एसयूवी सेल्स वित्त वर्ष 2023-24 में 642,296 यूनिट्स थीं जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढक़र 720,186 यूनिट्स हो गई। पैसेंजर वेहीकल्स की कुल सेल्स 1,760,767 यूनिट्स रही। मारुति सुजुकी के एमडी और सीईओ हिसाशी तेेकुची ने कहा कि कंपनी एक बार फिर नंबर वन पैसेंजर वेहीकल एक्सपोर्टर बनने में कामयाब रही है। तेेकुची ने कहा कि वर्ष के दौरान कंपनी ने जापान को फ्रॉन्क्स और जिम्नी 5-डोर का एक्सपोर्ट शुरू किया है। भारत सुजुकी की पहली ग्लोबल स्ट्रेटेजिक ईवी ई विटारा का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब है। वित्त वर्ष 2025-26 में हम यूरोप और जापान सहित लगभग 100 देशों को ई-विटारा का एक्सपोर्ट शुरू करेंगे। मारुति सुजुकी ने 1986 में भारत से वाहनों का एक्सपोर्ट शुरू किया था। 500 कारों की पहली कन्साइनमेंट सितंबर 1987 में हंगरी भेजी गई थी। कंपनी, जो लगभग 100 देशों को 17 मॉडलों का निर्यात करती है, ने नवंबर 2024 में 30 लाख यूनिट्स के कुल लाइफटाइम एक्सपोर्ट वॉल्यूम को पार किया था।