सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विप्रो का एकीकृत शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 25.9 प्रतिशत बढक़र 3,569.6 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ (कंपनी के इक्विटी धारकों को देय) 2,834.6 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनी की आमदनी 22,504.2 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के 22,208.3 करोड़ रुपये से 1.33 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की तुलना में कंपनी के शुद्ध लाभ में 6.43 प्रतिशत, तो आमदनी में 0.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उसका शुद्ध लाभ 18.9 प्रतिशत बढक़र 13,135.4 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इस अवधि में कंपनी की आमदनी 0.74 प्रतिशत गिरकर 89,088.4 करोड़ रुपये रही। बेंगलुरु मुख्यालय वाली कंपनी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के लिए कंपनी का अनुमान है कि आईटी सेवा कारोबार से उसका राजस्व लगभग 1.5 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत गिरकर 250.5 करोड़ डॉलर से 255.7 करोड़ डॉलर के बीच रहेगा। विप्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) श्रीनि पलिया ने कहा, चूंकि ग्राहक व्यापक आर्थिक अनिश्चितता के प्रति सतर्क हैं। , इसलिए हम निरंतर और लाभदायक वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए उनके साथ घनिष्ठ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में दो बड़े सौदे सिल किए, जिससे बड़े सौदे हासिल करने में वृद्धि हुई। तिमाही के अंत तक विप्रो के कर्मचारियों की संख्या 2,33,346 थी, जबकि पिछले वर्ष इसी समय यह 2,32,614 थी।