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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-04-2025

जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण की दौड़ में अदाणी समूह, वेदांता, पतंजलि सहित 26 कंपनियां शामिल

  •  अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी का समूह, खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता और योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद समेत 26 कंपनियां कर्ज में डूबी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स का अधिग्रहण करना चाहती हैं। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अधिग्रहण में दिलचस्पी रखने वाली अन्य कंपनियों में अहमदाबाद स्थित टॉरेंट ग्रुप, जिंदल पावर, डालमिया सीमेंट, जीआरएम बिजनेस, ओबेरॉय रियल्टी और कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड शामिल हैं।  शेयर बाजारों को जेएएल ने अधिग्रहण की इच्छुक कंपनियों के बारे में यह सूचना दी है। रियल एस्टेट, सीमेंट उत्पादन, आतिथ्य और इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्रों में सक्रिय जेएएल ने भारतीय दिवाला और ऋणशोधन बोर्ड (कॉरपोरेट इकाइयों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) विनियम, 2016 के नियम 36ए (10) के तहत पात्र संभावित समाधान आवेदकों (पीआरए) की अस्थायी सूची जारी की। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश से जेएएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू की गई है। बकाया कर्जों के भुगतान में चूक के बाद कंपनी को दिवाला कार्यवाही में ले जाया गया है। लेनदारों ने कुल 57,185 करोड़ रुपये का दावा किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह से जेएएल के तनावग्रस्त ऋणों को लेने के बाद राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) दावेदारों की सूची में सबसे आगे है। अधिग्रहण की दिलचस्पी जताने वाली कंपनियों में अदाणी समूह की मुख्य कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी, जेपी इन्फ्राटेक, जिंदल इंडिया पावर लिमिटेड, जिंदल पावर लिमिटेड, कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड, ओबेरॉय रियल्टी लिमिटेड, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, टॉरेंट पावर और वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इनके अलावा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड, ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विनरो कमर्शियल (इंडिया) लिमिटेड एवं पारख एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड का गठजोड़, डिकी एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया ऑपर्च्युनिटीज इन्वेस्टमेंट्स पीटीई लिमिटेड, जे सी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, जैथरी थर्मल पावर, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, पश्चिम सागर प्रॉपर्टीज, पीएनसी इन्फ्राटेक, रश्मि मेटालिक्स, शेरिशा टेक्नोलॉजीज, सिग्मा कॉरपोरेशन और विनचैन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भी इसके अधिग्रहण की मंशा जताई है। जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं। इसके दिल्ली एनसीआर में तीन वाणिज्यिक/औद्योगिक कार्यालय स्थल भी हैं, जबकि इसके होटल खंड की दिल्ली एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच संपत्तियां हैं। जेएएल के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट उत्पादन संयंत्र हैं और मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। हालांकि, सीमेंट संयंत्र फिलहाल चालू नहीं हैं। इसने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड, जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड जैसी अनुषंगी कंपनियों के अलावा कुछ अन्य कंपनियों में भी निवेश किया है। जयप्रकाश एसोसिएट्स के मुताबिक, 11 मार्च, 2025 तक वित्तीय संस्थानों पर उसका कुल बकाया ऋण 55,409.28 करोड़ रुपये था। जेपी समूह की कंपनी जेपी इन्फ्राटेक का मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से पहले ही अधिग्रहण किया हुआ है। सुरक्षा समूह को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 20,000 फ्लैट वाली कई स्थगित परियोजनाओं को पूरा करना है।

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जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण की दौड़ में अदाणी समूह, वेदांता, पतंजलि सहित 26 कंपनियां शामिल

 अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी का समूह, खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता और योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद समेत 26 कंपनियां कर्ज में डूबी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स का अधिग्रहण करना चाहती हैं। जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अधिग्रहण में दिलचस्पी रखने वाली अन्य कंपनियों में अहमदाबाद स्थित टॉरेंट ग्रुप, जिंदल पावर, डालमिया सीमेंट, जीआरएम बिजनेस, ओबेरॉय रियल्टी और कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड शामिल हैं।  शेयर बाजारों को जेएएल ने अधिग्रहण की इच्छुक कंपनियों के बारे में यह सूचना दी है। रियल एस्टेट, सीमेंट उत्पादन, आतिथ्य और इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्रों में सक्रिय जेएएल ने भारतीय दिवाला और ऋणशोधन बोर्ड (कॉरपोरेट इकाइयों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) विनियम, 2016 के नियम 36ए (10) के तहत पात्र संभावित समाधान आवेदकों (पीआरए) की अस्थायी सूची जारी की। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश से जेएएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू की गई है। बकाया कर्जों के भुगतान में चूक के बाद कंपनी को दिवाला कार्यवाही में ले जाया गया है। लेनदारों ने कुल 57,185 करोड़ रुपये का दावा किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह से जेएएल के तनावग्रस्त ऋणों को लेने के बाद राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) दावेदारों की सूची में सबसे आगे है। अधिग्रहण की दिलचस्पी जताने वाली कंपनियों में अदाणी समूह की मुख्य कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी, जेपी इन्फ्राटेक, जिंदल इंडिया पावर लिमिटेड, जिंदल पावर लिमिटेड, कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड, ओबेरॉय रियल्टी लिमिटेड, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, टॉरेंट पावर और वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इनके अलावा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड, ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विनरो कमर्शियल (इंडिया) लिमिटेड एवं पारख एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड का गठजोड़, डिकी एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया ऑपर्च्युनिटीज इन्वेस्टमेंट्स पीटीई लिमिटेड, जे सी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, जैथरी थर्मल पावर, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, पश्चिम सागर प्रॉपर्टीज, पीएनसी इन्फ्राटेक, रश्मि मेटालिक्स, शेरिशा टेक्नोलॉजीज, सिग्मा कॉरपोरेशन और विनचैन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भी इसके अधिग्रहण की मंशा जताई है। जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं। इसके दिल्ली एनसीआर में तीन वाणिज्यिक/औद्योगिक कार्यालय स्थल भी हैं, जबकि इसके होटल खंड की दिल्ली एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच संपत्तियां हैं। जेएएल के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट उत्पादन संयंत्र हैं और मध्य प्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं। हालांकि, सीमेंट संयंत्र फिलहाल चालू नहीं हैं। इसने जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड, जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड जैसी अनुषंगी कंपनियों के अलावा कुछ अन्य कंपनियों में भी निवेश किया है। जयप्रकाश एसोसिएट्स के मुताबिक, 11 मार्च, 2025 तक वित्तीय संस्थानों पर उसका कुल बकाया ऋण 55,409.28 करोड़ रुपये था। जेपी समूह की कंपनी जेपी इन्फ्राटेक का मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से पहले ही अधिग्रहण किया हुआ है। सुरक्षा समूह को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 20,000 फ्लैट वाली कई स्थगित परियोजनाओं को पूरा करना है।


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