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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-09-2025

ESOP’s पर क्यों फोकस कर रही है कंपनियां ?

  •  ग्लोबल अनिश्चितता व स्टॉक मार्केट्स में वोलेटिलिटी के बीच कॉर्पोरेट इंडिया पिछले कुछ समय से ESOP (Employee Stock Ownership Plan) पर फोकस बढ़ा रही हैं। ESOP’s को किसी दौर में स्टार्ट-अप्स व टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों द्वारा ही यूज किया जाता था पर अब ट्रेडिशनल बिजनसेज भी ESOP’s का यूज बड़े लेवल पर करने लगे हैं। पिछले 5 वर्ष में ESOP’s के तहत पार्टिसिपेशन और वोल्यूम में बढ़त दर्ज की गई है जिससे इंडिकेशन मिलता है कि एम्प्लाई कंपेंसेशन स्ट्रेटेजी में श्वस्ह्रक्कज्ह्य का रोल महत्वपूर्ण होता जा रहा है। उपलब्ध डाटा के अनुसार वर्ष 2020 में केवल 299 कंपनियों ने ही ESOP’s के तहत 28.25 करोड़ शेयर अलॉट किए थे। वहीं वर्ष 2024 में 666 कंपनियों ने 140 करोड़ शेयर ESOP के अंतर्गत अलॉट किए हैं। यानि ESOP के तहत अलॉट किए गए शेयर्स की संख्या 4 वर्ष में 5 गुना हो गई है। चालू कैलेंडर ईयर में तो ESOP रिलेटेड मोमेंटम में और मजबूती देखने को मिली है। जनवरी 2025 से अगस्त 2025 के बीच 663 लिस्टेड कंपनियों ने ESOP के तहत 90.2 करोड़ शेयर इश्यू किए हैं जबकि पिछले वर्ष इसी पीरियड में 583 कंपनियों ने 62.6 करोड़ शेयर इश्यू किए थे। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि अब तक केवल सीनियर मेनेजमेंट के लिए यूज किए जाने ESOP का उपयोग अब कंपनियों के मिडल व जूनियर लेवल के एम्प्लाईज के लिए भी किया जाने लगा है। एक्सपटर्स के अनुसार सीनियर मेनेजमेंट के कुल पैकेज में ESOP’s का शेयर 40-60 प्रतिशत तक हो सकता है। अब तक ESOP’s का यूज सीनियर लीडरशिप को रिवार्ड करने के लिए होता था पर अब सभी लेवल्स पर हाई-परफोर्मिंग टेलेंट को ESOP’s के तहत शेयर इश्यू किए जाने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। हाल ही में महिंद्रा ग्रुप ने 23000 एम्पलाईज के लिए वन-टाइम ESOP स्कीम लांच की है व इनमें फेक्ट्री वर्कर्स भी शामिल हैं। इंडिविजुअल कंपनियों में फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी लि. इस लिहाज से सबसे एग्रेसिव रही है व कंपनी ने 25 जनवरी से 2 मई 2025 के बीच 25.5 करोड़ शेयर ESOP के तहत इश्यू किए हैं। इसके अलावा विशाल मेगामार्ट, सुजलोन एनर्जी व निवा बूपा इंश्योरेंस ने भी ESOP के तहत इस वर्ष शेयर इश्यू किए हैं। ESOP के बढ़ते ट्रेंड का एक प्रमुख कारण है बढ़ती लिक्विडिटी। असल में तेजी से मजबूत होते आईपीओ मार्केट के कारण अब एम्प्लाईज को भी भरोसा होने लगा है कि ESOP’s के तहत मिले शेयरों को वे आगे चलकर आसानी से Cash कर पाएंगें।

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ESOP’s पर क्यों फोकस कर रही है कंपनियां ?

 ग्लोबल अनिश्चितता व स्टॉक मार्केट्स में वोलेटिलिटी के बीच कॉर्पोरेट इंडिया पिछले कुछ समय से ESOP (Employee Stock Ownership Plan) पर फोकस बढ़ा रही हैं। ESOP’s को किसी दौर में स्टार्ट-अप्स व टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों द्वारा ही यूज किया जाता था पर अब ट्रेडिशनल बिजनसेज भी ESOP’s का यूज बड़े लेवल पर करने लगे हैं। पिछले 5 वर्ष में ESOP’s के तहत पार्टिसिपेशन और वोल्यूम में बढ़त दर्ज की गई है जिससे इंडिकेशन मिलता है कि एम्प्लाई कंपेंसेशन स्ट्रेटेजी में श्वस्ह्रक्कज्ह्य का रोल महत्वपूर्ण होता जा रहा है। उपलब्ध डाटा के अनुसार वर्ष 2020 में केवल 299 कंपनियों ने ही ESOP’s के तहत 28.25 करोड़ शेयर अलॉट किए थे। वहीं वर्ष 2024 में 666 कंपनियों ने 140 करोड़ शेयर ESOP के अंतर्गत अलॉट किए हैं। यानि ESOP के तहत अलॉट किए गए शेयर्स की संख्या 4 वर्ष में 5 गुना हो गई है। चालू कैलेंडर ईयर में तो ESOP रिलेटेड मोमेंटम में और मजबूती देखने को मिली है। जनवरी 2025 से अगस्त 2025 के बीच 663 लिस्टेड कंपनियों ने ESOP के तहत 90.2 करोड़ शेयर इश्यू किए हैं जबकि पिछले वर्ष इसी पीरियड में 583 कंपनियों ने 62.6 करोड़ शेयर इश्यू किए थे। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि अब तक केवल सीनियर मेनेजमेंट के लिए यूज किए जाने ESOP का उपयोग अब कंपनियों के मिडल व जूनियर लेवल के एम्प्लाईज के लिए भी किया जाने लगा है। एक्सपटर्स के अनुसार सीनियर मेनेजमेंट के कुल पैकेज में ESOP’s का शेयर 40-60 प्रतिशत तक हो सकता है। अब तक ESOP’s का यूज सीनियर लीडरशिप को रिवार्ड करने के लिए होता था पर अब सभी लेवल्स पर हाई-परफोर्मिंग टेलेंट को ESOP’s के तहत शेयर इश्यू किए जाने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। हाल ही में महिंद्रा ग्रुप ने 23000 एम्पलाईज के लिए वन-टाइम ESOP स्कीम लांच की है व इनमें फेक्ट्री वर्कर्स भी शामिल हैं। इंडिविजुअल कंपनियों में फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी लि. इस लिहाज से सबसे एग्रेसिव रही है व कंपनी ने 25 जनवरी से 2 मई 2025 के बीच 25.5 करोड़ शेयर ESOP के तहत इश्यू किए हैं। इसके अलावा विशाल मेगामार्ट, सुजलोन एनर्जी व निवा बूपा इंश्योरेंस ने भी ESOP के तहत इस वर्ष शेयर इश्यू किए हैं। ESOP के बढ़ते ट्रेंड का एक प्रमुख कारण है बढ़ती लिक्विडिटी। असल में तेजी से मजबूत होते आईपीओ मार्केट के कारण अब एम्प्लाईज को भी भरोसा होने लगा है कि ESOP’s के तहत मिले शेयरों को वे आगे चलकर आसानी से Cash कर पाएंगें।


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