गत सप्ताह नीचे भाव में लोकल एवं दिसावरी मांग सुधरने से गेहूं बारीक चावल मक्की बाजरा उड़द तुवर में सुर्खी लिए बाजार बंद हुए। वहीं मसूर काबुली चना राजमां चित्रा एवं देसी चना में गिरावट रही। अन्य में स्थिरता रही। आलोच्य सप्ताह गेहूं में नीचे वाले भाव पर रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा चक्कियों की पकड़ मजबूत होने से 35/40 रुपए बढक़र इसके भाव 2790/2810 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। इधर सभी तरह के बासमती चावल में निर्यात मांग पिछले एक पखवाड़े से चल रही है। आलोच्य सप्ताह भी घरेलू मांग में वृद्धि होने से इसके भाव 150/200 रुपए और बढक़र 1509 सेला चावल 6350/6450 रुपए एवं स्टीम 7000 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। बासमती 1718 चावल एवं 1401 स्टीम चावल में भी इसी अनुपात में बढ़त लिए व्यापार सुना गया। शरबती चावल में भी 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। इधर बाजरा उत्पादक मंडियों से आपूर्ति घटने तथा खपत वाले उद्योगों की मांग से 60/65 रुपए और बढक़र 2190/2200 रुपए दिल्ली एवं मौली बरवाला पहुंच हो गए। मक्की भी मध्य प्रदेश की मंडियों में दलदल के बाद रैक वालों की सभी प्वाइंटों पर खरीद चलने से मंडियों में 150/160 रुपए प्रति क्विंटल तक तेजी आ गई। परिणाम स्वरुप यहां भी मध्य प्रदेश की मक्की 175/200 रुपए बढक़र 2050/2200 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गई। बिहार की मक्की भी 125 रुपए बढक़र ऊपर में 2375 यहां बिक गई तथा हरियाणा पंजाब पहुंच में 2250/2400 रुपए तक व्यापार सुना गया। दलहनों में उड़द आयात पड़ता महंगा होने तथा चेन्नई में भाव बढ़ाकर बोले जाने से यहां भी 150 रुपए बढक़र एसक्यू 8000 रुपए एवं एफ ए क्यू 7250/7275 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। देसी माल में भी इसी अनुपात में बढ़त लिए व्यापार सुने गए। तुवर भी हाजिर माल की कमी होने तथा रंगून में भाव बढऩे से यहां 300 रुपए बढक़र लेमन 7200 प्रति कुंतल हो गई। कर्नाटक के माल भी इसी अनुपात में बढ़ा कर बोले गए। दाल में भी दो-चार रुपए किलो की नीचे भाव से बढ़त लिए व्यापार हुए। मोठ भी 50 रुपए बढक़र 4825/4850 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। दूसरी ओर राजमां चित्रा बिकवाली के प्रेशर में चार रुपए घटकर चाइना 97/99 एवं ब्राजील 92/97 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इसके अलावा काबुली चना भी 5/6 रुपए घटकर 57/59 रुपए प्रति किलो महाराष्ट्र का बिना छना रह गया। देसी चना भी ऑस्ट्रेलिया के माल सस्ते भाव में बिकने से यहां 50/75 रुपए घटकर 5575/5600 रुपए प्रति कुंतल रह गया। बेसन व दाल में भी इसी अनुपात में गिरावट दर्ज की गई। देशी मसूर भी सौ-डेढ़ सौ रुपए प्रति क्विंटल बढक़र मोटी 6750/6775 रुपए रह गई। अन्य में स्थिरता रही।