वैभव कोठारी
जयपुर। करीब 60 लाख की आबादी वाले देश सिंगापुर को रहने के लिहाज से वल्र्ड के सबसे महंगे देशों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। सिंगापुर में लिविंग कॉस्ट से लेकर मकानों के किराए, ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट व बाहर खाने यानि डाइनिंग कॉस्ट बेहद अधिक है। यही नहीं, सिंगापुर में चूंकि अधिकतर प्रोडक्ट्स अन्य देशों से इंपोर्ट किए जाते हैं, ऐसे में रोजमर्रा की चीजों की कीमतें भी वहां काफी अधिक है। उदाहरण के तौर पर देखें तो सेंसोडाइन के 100 ग्राम के टूथपेस्ट की कीमत सिंगापुर में 10.9 सिंगापुर डॉलर यानि 719 रुपए है। इसी तरह 1 किलो प्याज की कीमत वहां करीब 10 सिंगापुर डॉलर है जो इंडियन करेंसी में 620 रुपए होती है। सिंगापुर में रेजीडेंशियल प्रोपर्टी की बात करें तो वहां सिटी-सेंटर से करीब 10 किलोमीटर दूर किसी एरिया में 3 BHK के फ्लेट का मंथली किराया 2500-4000 सिंगापुर डॉलर (1.65 लाख-2.64 लाख रुपए) के लगभग है। सिंगापुर में टैक्सी से सफर करना सबसे महंगा है। वहां 10 किलोमीटर की यात्रा करने पर टैक्सी का बिल करीब 40-50 सिंगापुर डॉलर आता है जो इंडियन करेंसी में 2640-3300 रुपए के लगभग बैठता है। सिंगापुर में हाल ही में सफर करते समय एक टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि एक एवरेज लाइफस्टाइल वाले किसी परिवार को सिंगापुर में रहने के लिए हर महीने कम से कम 7000-8000 सिंगापुर डॉलर (4.62 लाख-5.28 लाख रुपए) की इनकम की आवश्यकता होती है। टैक्सियों के महंगा होने का प्रमुख कारण वहां कारों की कीमतें काफी अधिक होना है। वहां की सरकार चाहती है कि सिंगापुर की सडक़ों पर कारों की संख्या लिमिटेड रहे, इसलिए इंडिया की तरह वहां सीधे शोरूम पर जाकर कार नहीं खरीदी जा सकती। बॉयर शोरूम पर कार बुक करा सकता है पर उसे डिलीवरी तभी मिलेगी जब पहले से चल रही कारों में से कोई कार स्क्रेपिंग के लिए सिस्टम से बाहर हो गई हो। इंडिया के मुकाबले सिंगापुर में कारों की कीमतें 4-5 गुना तक हैं। यही कारण है कि यहां का पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन, जिसमें मेट्रो रेल व बस नेटवर्क शामिल है, वल्र्ड क्लास होने के साथ ही बेहद एफोर्डेबल भी है व अधिकतर लोकल पॉपुलेशन इन्हीं से सफर करती है। सिंगापुर में कानून की सख्ती भी काफी अधिक है। एक ट्यूरिस्ट के तौर पर शहर में कहीं भी पुलिस दिखाई नहीं देती पर इसके बाद भी वहां लोग कानून व नियम-कायदों की सख्ती से पालना करते हैं। मेट्रो रेल में तो खाना खाने व पानी पीने की भी इजाजत नहीं है। सिंगापुर में व्हीकल की स्पीड लिमिड 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटा है व यदि इस लिमिट से ऊपर कोई व्हीकल चलाता है तो इसकी पेनल्टी 300 सिंगापुर डॉलर यानि करीब 20,000 रुपए है। सिंगापुर में आमतौर पर लोगों का ऑफिस शाम 5-6 बजे तक समाप्त हो जाता है व उसके बाद परिवार के साथ समय बिताना वहां के लोगों की प्रायोरिटी रहती है। सिंगापुर में जगह-जगह सरकार द्वारा मेंटेन किए जाने वाले कॉमन कम्यूनिटी एरिया बने हुए हैं जहां वीकेंड पर दिनभर फिल्में दिखाई जाती हैं व बच्चों के लिए अलग-अलग एक्टिविटीज आयोजित होती हैं व इनमें लोकल आबादी बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी लेती है। असल में सिंगापुर मेंCommunity Living पर फोकस किया जाता है। सिंगापुर के बारे में एक और उल्लेखनीय फेक्टर है वहां लोगों में Safety की भावना। सिंगापुर में परिवारों में छोटे बच्चों को शुरू से ही समझाया जाता है कि स्द्बठ्ठद्दड्डश्चशह्म्द्ग ढ्ढह्य स्ड्डद्घद्ग। वहां स्कूल जाने वाले 5-6 वर्ष के बच्चे अपने मकान वाली बिल्डिंग से कुछ दूरी पर स्थित बस स्टॉप तक अकेले आते-जाते देखे जा सकते हैं।