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14-05-2025

खत्म हुआ हनीमून? अमेरिका प्रॉडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाएगा इंडिया

  •  सोमवार को डब्ल्यूटीओ को नोटिस देकर भारत ने कहा कि वे अमेरिका के खास सामानों के ऊपर दी जा रही रियायतों को खत्म कर रहे हैं और उसके ऊपर आयात शुल्क बढ़ाया जाएगा। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में भारत सरकार ने भी जवाबी शुल्क लगाने का फैसला किया है। इस बारे में बकायदा विश्व व्यापार संगठन को जानकारी दी गई है। जिन 29 अमेरिकी प्रॉडक्ट्स पर भारत ने टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ को दिया है, उसमें बादाम, बोरिक एसिड और नाशपाती शामिल है। साथ ही भारत ने भारत के स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए जा रहे भारी भरकम अमेरिकी टैरिफ के जवाब में वाशिंगटन पर टैरिफ लगाया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से इस बारे में 9 मई 2025 को वल्र्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन की काउंसिल फोर ट्रेड इन गुड्स Council For Trade in Goods को सूचना दी गई है कि वह अमेरिका के एक्सपोर्ट प्रॉडक्ट्स पर 1.91 बिलियन डॉलर का एक्सट्रा टैरिफ लगाएगा। भारत की तरफ से कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है जब भारत सरकार का कहना है कि अमेरिकी सरकार के संरक्षणवादी कदमों की वजह से भारत से अमेरिकी बाजार में निर्यात किए जा रहे करीब 7.6 बिलियन डॉलर पर पड़ा है। जबकि, अमेरिका को इस शुल्क से 1.91 अरब डॉलर मिले हैं। गौरतलब है कि पहले कार्यकाल में राष्ट्रपति ट्रंप ने साल 2018 में इसी तरह की संरक्षणवादी नीति अपनाते हुए स्टील और एल्युमिनियम पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया था। गौरतलब है कि अमेरिका ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम के ऊपर 2018 के 25 परसेंट और 10 परसेंट टैरिफ लगाया था, जिसे 2020 के जनवरी में और बढ़ा दिया गया। इस साल फिर से अमेरिका ने स्टील और एल्युनियम के ऊपर टैरिफ में फिर से बदलाव कर दिया है। 12 मार्च 2025 से लागू हुए नए प्लान के अनुसार अब अमेरिका ने अब इसे बढ़ाकर 25 परसेंट कर दिया है। भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है और लंबे समय से इस टैरिफ की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा इस पर टैरिफ बढ़ाने विश्व व्यापार संगठन ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेद और बढ़ सकता है। दोनों देशों के बीच ये मतभेद उस वक्त उभरा है जब नई दिल्ली और वाशिंगटन ट्रेड डील के नजदीक पहुंचने की बात कह चुके हैं। भारत ने अमेरिका की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए जा रहे टैरिफ पर कटौती की मांग की थी, ताकि टैरिफ गैप की भरपाई हो पाए।

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खत्म हुआ हनीमून? अमेरिका प्रॉडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाएगा इंडिया

 सोमवार को डब्ल्यूटीओ को नोटिस देकर भारत ने कहा कि वे अमेरिका के खास सामानों के ऊपर दी जा रही रियायतों को खत्म कर रहे हैं और उसके ऊपर आयात शुल्क बढ़ाया जाएगा। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में भारत सरकार ने भी जवाबी शुल्क लगाने का फैसला किया है। इस बारे में बकायदा विश्व व्यापार संगठन को जानकारी दी गई है। जिन 29 अमेरिकी प्रॉडक्ट्स पर भारत ने टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ को दिया है, उसमें बादाम, बोरिक एसिड और नाशपाती शामिल है। साथ ही भारत ने भारत के स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए जा रहे भारी भरकम अमेरिकी टैरिफ के जवाब में वाशिंगटन पर टैरिफ लगाया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से इस बारे में 9 मई 2025 को वल्र्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन की काउंसिल फोर ट्रेड इन गुड्स Council For Trade in Goods को सूचना दी गई है कि वह अमेरिका के एक्सपोर्ट प्रॉडक्ट्स पर 1.91 बिलियन डॉलर का एक्सट्रा टैरिफ लगाएगा। भारत की तरफ से कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है जब भारत सरकार का कहना है कि अमेरिकी सरकार के संरक्षणवादी कदमों की वजह से भारत से अमेरिकी बाजार में निर्यात किए जा रहे करीब 7.6 बिलियन डॉलर पर पड़ा है। जबकि, अमेरिका को इस शुल्क से 1.91 अरब डॉलर मिले हैं। गौरतलब है कि पहले कार्यकाल में राष्ट्रपति ट्रंप ने साल 2018 में इसी तरह की संरक्षणवादी नीति अपनाते हुए स्टील और एल्युमिनियम पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया था। गौरतलब है कि अमेरिका ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम के ऊपर 2018 के 25 परसेंट और 10 परसेंट टैरिफ लगाया था, जिसे 2020 के जनवरी में और बढ़ा दिया गया। इस साल फिर से अमेरिका ने स्टील और एल्युनियम के ऊपर टैरिफ में फिर से बदलाव कर दिया है। 12 मार्च 2025 से लागू हुए नए प्लान के अनुसार अब अमेरिका ने अब इसे बढ़ाकर 25 परसेंट कर दिया है। भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है और लंबे समय से इस टैरिफ की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा इस पर टैरिफ बढ़ाने विश्व व्यापार संगठन ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेद और बढ़ सकता है। दोनों देशों के बीच ये मतभेद उस वक्त उभरा है जब नई दिल्ली और वाशिंगटन ट्रेड डील के नजदीक पहुंचने की बात कह चुके हैं। भारत ने अमेरिका की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए जा रहे टैरिफ पर कटौती की मांग की थी, ताकि टैरिफ गैप की भरपाई हो पाए।


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