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14-10-2025

दिवाली लांग वीकेंड पर हॉस्पीटेलिटी, ट्रैवल सर्विसेज की डिमांड राइज पर

  •  दिवाली के लांग वीकेंड से पहले फेस्टीवल सीजन में हॉस्पीटेलिटी और टै्रवल सर्विस प्रोवाइडर्स की डिमांड में जबर्दस्त वृद्धि देखी जा रही है। अरबन और एंटरटेंमेंट प्लेसेज के लिए अच्छी बुकिंग दर्ज की गई है, और इंटरसिटी बस सेवाओं में बुकिंग का स्तर 95-100 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जीएसटी सुधार मीडियम लेवल के होटल और मध्यम बाजार के घरेलू ग्राहकों के लिए एक प्रमुख प्रेरक के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे यात्रियों के लिए अन-एक्सप्लोर्ड लोकेशंस की सर्च करना आसान हो गया है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के अध्यक्ष के बी काचरू ने कहा कि शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि होटल में बुकिंग बढ़ी है। यह परिवार, दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताने और त्योहार मनाने के लिए यात्रियों के उत्साह को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस सीजन में बुकिंग का तरीका दर्शाता है कि ट्रैवलर्स कन्वीनियंस, फ्लैक्जीबिलिटी और चुनिंदा अनुभवों को प्राथमिकता देते हैं। काचरू, जो रेडिसन होटल समूह के दक्षिण एशिया के चेयरमैन भी हैं, ने आगे कहा कि टीयर टू सिटीज और इमर्जिंग डेस्टीनेशंस में डिमांड में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि यात्री एतिहासिक महत्व वाले स्थलों, लोकल कल्चर और अनोखे अनुभवों की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा विकल्पों में व्यापक विविधता को दर्शाता है, क्योंकि डोमेस्टिक ट्रैवलर्स ट्रेडीशनल मैट्रो शहरों से आगे बढक़र अधिक सार्थक और यादगार यात्राओं की ओर रुख कर रहे हैं। एबिक्स ट्रैवल्स, डेल्फी वर्ल्ड मनी लिमिटेड के मुख्य रणनीति अधिकारी ने कहा कि इस साल दिवाली के साथ लांग वीकेंड होने के कारण, हम देख रहे हैं कि यात्री छुट्टियों के अनुभव को अधिकतम करने के लिए अपनी यात्राओं की योजना पहले से ही बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंटरसिटी बस मार्ग लगभग पूरी क्षमता से चल रहे हैं, जिनमें यात्रियों की संख्या 95-100 प्रतिशत तक पहुंच रही है और किराये में सामान्य से 1.5 से तीन गुना वृद्धि हो रही है, जो इस अवधि के दौरान मजबूत मांग को दर्शाता है। दिलचस्प बात यह है कि विकास की गति टीयर टू व थ्री श्रेणी के ‘कॉरिडोर’ द्वारा संचालित हो रही है, जो अब कुल बुकिंग का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा है क्योंकि लोग त्योहारों के लिए अपने गृह नगर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में भी, यात्रा तरीके में बदलाव स्पष्ट है, जहां नियमित अवधि की तुलना में पारिवारिक और अवकाश यात्राओं की संख्या लगभग 65-70 प्रतिशत है। यह उछाल ठहरने के स्थल के मामले में भी दिखाई देता है, जहां हम बुकिंग में सालाना आधार पर 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं। बड़े परिवारों द्वारा होमस्टे और विला को अधिक पसंद किया जा रहा है। इसी तरह, मेकमाईट्रिप के को-फाउंडर और गु्रप सीईओ राजेश मागो ने कहा कि दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाना त्योहारी सीजन की यात्रा का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है, क्योंकि कई भारतीय दिवाली मनाने के लिए अपने गृह नगर लौटते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सबसे अधिक बुक किए गए शीर्ष 10 शहरों में से पांच महानगर हैं - दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई। इस साल, त्योहार सप्ताह के शुरुआत में पडऩे के कारण, कई यात्री लंबे समय तक उत्सव का आनंद लेने के लिए उससे पहले वाले शुक्रवार से ही अपनी यात्राएं बुक कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि तीर्थ स्थलों की डिमांड में भी वृद्धि देखी जा रही है, जो दर्शाता है कि कैसे परिवार त्योहारों को आध्यात्मिक यात्राओं के साथ जोड़ रहे हैं। शीर्ष 10 उच्च विकास वाले शहरों में से पांच - पुरी, हरिद्वार, अयोध्या, ऋषिकेश और वाराणसी - धार्मिक केंद्र हैं।

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दिवाली लांग वीकेंड पर हॉस्पीटेलिटी, ट्रैवल सर्विसेज की डिमांड राइज पर

 दिवाली के लांग वीकेंड से पहले फेस्टीवल सीजन में हॉस्पीटेलिटी और टै्रवल सर्विस प्रोवाइडर्स की डिमांड में जबर्दस्त वृद्धि देखी जा रही है। अरबन और एंटरटेंमेंट प्लेसेज के लिए अच्छी बुकिंग दर्ज की गई है, और इंटरसिटी बस सेवाओं में बुकिंग का स्तर 95-100 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जीएसटी सुधार मीडियम लेवल के होटल और मध्यम बाजार के घरेलू ग्राहकों के लिए एक प्रमुख प्रेरक के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे यात्रियों के लिए अन-एक्सप्लोर्ड लोकेशंस की सर्च करना आसान हो गया है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के अध्यक्ष के बी काचरू ने कहा कि शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि होटल में बुकिंग बढ़ी है। यह परिवार, दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताने और त्योहार मनाने के लिए यात्रियों के उत्साह को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस सीजन में बुकिंग का तरीका दर्शाता है कि ट्रैवलर्स कन्वीनियंस, फ्लैक्जीबिलिटी और चुनिंदा अनुभवों को प्राथमिकता देते हैं। काचरू, जो रेडिसन होटल समूह के दक्षिण एशिया के चेयरमैन भी हैं, ने आगे कहा कि टीयर टू सिटीज और इमर्जिंग डेस्टीनेशंस में डिमांड में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि यात्री एतिहासिक महत्व वाले स्थलों, लोकल कल्चर और अनोखे अनुभवों की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा विकल्पों में व्यापक विविधता को दर्शाता है, क्योंकि डोमेस्टिक ट्रैवलर्स ट्रेडीशनल मैट्रो शहरों से आगे बढक़र अधिक सार्थक और यादगार यात्राओं की ओर रुख कर रहे हैं। एबिक्स ट्रैवल्स, डेल्फी वर्ल्ड मनी लिमिटेड के मुख्य रणनीति अधिकारी ने कहा कि इस साल दिवाली के साथ लांग वीकेंड होने के कारण, हम देख रहे हैं कि यात्री छुट्टियों के अनुभव को अधिकतम करने के लिए अपनी यात्राओं की योजना पहले से ही बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंटरसिटी बस मार्ग लगभग पूरी क्षमता से चल रहे हैं, जिनमें यात्रियों की संख्या 95-100 प्रतिशत तक पहुंच रही है और किराये में सामान्य से 1.5 से तीन गुना वृद्धि हो रही है, जो इस अवधि के दौरान मजबूत मांग को दर्शाता है। दिलचस्प बात यह है कि विकास की गति टीयर टू व थ्री श्रेणी के ‘कॉरिडोर’ द्वारा संचालित हो रही है, जो अब कुल बुकिंग का लगभग 62 प्रतिशत हिस्सा है क्योंकि लोग त्योहारों के लिए अपने गृह नगर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में भी, यात्रा तरीके में बदलाव स्पष्ट है, जहां नियमित अवधि की तुलना में पारिवारिक और अवकाश यात्राओं की संख्या लगभग 65-70 प्रतिशत है। यह उछाल ठहरने के स्थल के मामले में भी दिखाई देता है, जहां हम बुकिंग में सालाना आधार पर 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं। बड़े परिवारों द्वारा होमस्टे और विला को अधिक पसंद किया जा रहा है। इसी तरह, मेकमाईट्रिप के को-फाउंडर और गु्रप सीईओ राजेश मागो ने कहा कि दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाना त्योहारी सीजन की यात्रा का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है, क्योंकि कई भारतीय दिवाली मनाने के लिए अपने गृह नगर लौटते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सबसे अधिक बुक किए गए शीर्ष 10 शहरों में से पांच महानगर हैं - दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई। इस साल, त्योहार सप्ताह के शुरुआत में पडऩे के कारण, कई यात्री लंबे समय तक उत्सव का आनंद लेने के लिए उससे पहले वाले शुक्रवार से ही अपनी यात्राएं बुक कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि तीर्थ स्थलों की डिमांड में भी वृद्धि देखी जा रही है, जो दर्शाता है कि कैसे परिवार त्योहारों को आध्यात्मिक यात्राओं के साथ जोड़ रहे हैं। शीर्ष 10 उच्च विकास वाले शहरों में से पांच - पुरी, हरिद्वार, अयोध्या, ऋषिकेश और वाराणसी - धार्मिक केंद्र हैं।


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