कैलेंडर वर्ष 2025 के फस्र्ट हाफ में भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी बढक़र 87 प्रतिशत हो गई है, जो दिखाता है कि उपभोक्ता स्मार्टफोन बाजार में नई तकनीकों को तेजी से अपना रहे हैं, यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी हिस्सेदारी के मामले में भारत अब ग्लोबल लेवल पर 14वें स्थान पर है। 2023 के फस्र्ट हाफ में भारतीय बाजार में स्मार्टफोन शिपमेंट की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत थी और देश वैश्विक स्तर पर 40वें स्थान पर था। रिपोर्ट में कहा गया कि 5जी स्मार्टफोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है और 2025 की पहली छमाही में कुल वैश्विक स्मार्टफोन शिपमेंट में इनकी हिस्सेदारी 71 प्रतिशत थी। विकसित और उभरते दोनों ही बाजारों में 5जी स्मार्टफोन की पहुंच तेजी से बढ़ी है, जिसका मुख्य कारण बढ़ती उपभोक्ता मांग, अफोर्डेबल डिवाइस और तेज 5जी नेटवर्क रोलआउट हैं। हालांकि, वेनेजुएला और इक्वाडोर जैसे कुछ देशों में स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी की हिस्सेदारी में बहुत धीमी वृद्धि देखी जा रही है। 2025 की पहली छमाही में, क्रम में नीचे के 10 देशों में 5जी की औसत हिस्सेदारी केवल 15 प्रतिशत थी और एशिया ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ा 5जी स्मार्टफोन बाजार था। हालांकि, पाकिस्तान और बांग्लादेश सबसे कम 5जी अपनाने वाले देशों में शामिल थे। 2025 की पहली छमाही में एशिया में स्मार्टफोन शिपमेंट के मामले में पाकिस्तान सातवां सबसे बड़ा बाजार था, लेकिन उसने अभी तक 5 जी सेवाएं शुरू नहीं की हैं। सरकार 2021 से ही उच्च स्पेक्ट्रम लागत की शिकायतों के कारण स्पेक्ट्रम नीलामी में देरी कर रही है, जबकि अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और वित्तीय चुनौतियों के कारण 5जी उपकरण पहुंच से बाहर बने हुए हैं। रिसर्च फर्म ने कहा कि 5जी नेटवर्क तेजी से लगातार बढ़ रहा है, फिर भी कम से कम 2030 तक इन पिछड़े देशों में 4जी मोबाइल नेटवर्क मुख्यधारा में बना रहेगा। लैटिन अमेरिका का कुल 5जी शिपमेंट हिस्सा 2025 की पहली छमाही में 41 प्रतिशत से अधिक हो गया, जबकि वेनेजुएला 2025 की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर सबसे निचले स्थान पर रहा, जहां केवल 1 प्रतिशत स्मार्टफोन 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं। सबसे कम 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट वाले निचले 10 देशों में से छह अफ्रीका से हैं, जो इन बाजारों में 5जी अपनाने की धीमी दर को दिखाता है।