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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

03-10-2025

2025 फस्र्ट हाफ : रिटेल लीजिंग में फैशन एंड एपेरल ब्रांड्स का शेयर शानदार

  •  इस वर्ष के फस्र्ट हाफ में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डीटूसी) ब्रांड्स द्वारा रिटेल लीजिंग में फैशन और अपैरल ब्रांड्स की लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी दर्ज की गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। इसके बाद 12 प्रतिशत के साथ होमवेयर और फर्निशिंग, 12 प्रतिशत के साथ ज्वैलरी और 6 प्रतिशत के साथ हैल्थ और पर्सनल केयर की हिस्सेदारी रही। 2020 और 2022 के बीच कई डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड्स ने बढ़त दर्ज की, जो मुख्य रूप से कोरोना के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ोतरी के कारण थी। वे अब ओमनीचैनल हो रहे हैं। सीबीआरई की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार,इन न्यू-एज ब्रांड द्वारा रिटेल लीजिंग का हिस्सा  2024 की पहली छमाही में 8 प्रतिशत था, जो कि इस वर्ष की पहली छमाही में बढक़र 18 प्रतिशत हो गया है। यह बढ़त न्यू-एज ब्रांड्स के पॉप-अप, फ्लैगशिप आउटलेट्स और फ्रैंचाइज स्टोर का अधिक इस्तेमाल करने के साथ देखा गया है। सीबीआरई के इंडिया, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडल ईस्ट अफ्रिका के चेयरमैन और सीईओ ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग बढऩे के बावजूद भी फिजिकल खरीदारी लेनदेन का अधिकांश हिस्सा है, जिससे ओमनीचैनल ग्रोथ महत्वपूर्ण हो जाती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पहले केवल मॉल की तुलना में, डीटूसी ब्रांड अपने आउटलेट्स के लोकेशन को भी डावर्सिफाई कर रहे हैं। 2025 की पहली छमाही में इन ब्रांड का कुल लीजिंग का 46 प्रतिशत हिस्सा हाई स्ट्रीट पर था। रिपोर्ट में कहा गया कि इसके बाद मॉल में 40 प्रतिशत और स्टैंडअलोन आउटलेट्स में 14 प्रतिशत हिस्सा था। जनवरी से जून के बीच सभी प्रमुख शहरों में दिल्ली-एनसीआर में रिटेल लीजिंग का सबसे अधिक 26 प्रतिशत हिस्सा था। इसके बाद बेंगलुरु में 22 प्रतिशत और हैदराबाद में 18 प्रतिशत था। सीबीआरई इंडिया के लीजिंग सर्विसेज मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि ऑफलाइन मौजूदगी ब्रांड को पारंपरिक ग्राहकों तक पहुंचने और निचले स्तर के शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने आगे कहा कि फिजिकल स्टोर ब्रांड के भरोसे और विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं और ग्राहकों को प्रोडक्ट की क्वालिटी के बारे में आश्वस्त करते हैं। वे ब्रांड को एक खास शॉपिंग माहौल बनाने की भी सुविधा देते हैं। डिजिटल पहुंच और ऑफलाइन अनुभव की यह दोहरी भूमिका भारत में रिटेल ग्रोथ के अगले अध्याय को परिभाषित करने वाली होगी।

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2025 फस्र्ट हाफ : रिटेल लीजिंग में फैशन एंड एपेरल ब्रांड्स का शेयर शानदार

 इस वर्ष के फस्र्ट हाफ में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डीटूसी) ब्रांड्स द्वारा रिटेल लीजिंग में फैशन और अपैरल ब्रांड्स की लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी दर्ज की गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। इसके बाद 12 प्रतिशत के साथ होमवेयर और फर्निशिंग, 12 प्रतिशत के साथ ज्वैलरी और 6 प्रतिशत के साथ हैल्थ और पर्सनल केयर की हिस्सेदारी रही। 2020 और 2022 के बीच कई डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड्स ने बढ़त दर्ज की, जो मुख्य रूप से कोरोना के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ोतरी के कारण थी। वे अब ओमनीचैनल हो रहे हैं। सीबीआरई की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार,इन न्यू-एज ब्रांड द्वारा रिटेल लीजिंग का हिस्सा  2024 की पहली छमाही में 8 प्रतिशत था, जो कि इस वर्ष की पहली छमाही में बढक़र 18 प्रतिशत हो गया है। यह बढ़त न्यू-एज ब्रांड्स के पॉप-अप, फ्लैगशिप आउटलेट्स और फ्रैंचाइज स्टोर का अधिक इस्तेमाल करने के साथ देखा गया है। सीबीआरई के इंडिया, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडल ईस्ट अफ्रिका के चेयरमैन और सीईओ ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग बढऩे के बावजूद भी फिजिकल खरीदारी लेनदेन का अधिकांश हिस्सा है, जिससे ओमनीचैनल ग्रोथ महत्वपूर्ण हो जाती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पहले केवल मॉल की तुलना में, डीटूसी ब्रांड अपने आउटलेट्स के लोकेशन को भी डावर्सिफाई कर रहे हैं। 2025 की पहली छमाही में इन ब्रांड का कुल लीजिंग का 46 प्रतिशत हिस्सा हाई स्ट्रीट पर था। रिपोर्ट में कहा गया कि इसके बाद मॉल में 40 प्रतिशत और स्टैंडअलोन आउटलेट्स में 14 प्रतिशत हिस्सा था। जनवरी से जून के बीच सभी प्रमुख शहरों में दिल्ली-एनसीआर में रिटेल लीजिंग का सबसे अधिक 26 प्रतिशत हिस्सा था। इसके बाद बेंगलुरु में 22 प्रतिशत और हैदराबाद में 18 प्रतिशत था। सीबीआरई इंडिया के लीजिंग सर्विसेज मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि ऑफलाइन मौजूदगी ब्रांड को पारंपरिक ग्राहकों तक पहुंचने और निचले स्तर के शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने आगे कहा कि फिजिकल स्टोर ब्रांड के भरोसे और विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं और ग्राहकों को प्रोडक्ट की क्वालिटी के बारे में आश्वस्त करते हैं। वे ब्रांड को एक खास शॉपिंग माहौल बनाने की भी सुविधा देते हैं। डिजिटल पहुंच और ऑफलाइन अनुभव की यह दोहरी भूमिका भारत में रिटेल ग्रोथ के अगले अध्याय को परिभाषित करने वाली होगी।


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