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17-09-2025

डोमेस्टिक और इंटरनेशनल होटल चेंस कर रही है एक्सपेंशन

  •  इन्डियन और ग्लोबल होटल चेंस वर्ष 2030 तक की महत्वकांक्षी विस्तार योजना पर काम कर रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार जिस तेज स्पीड से एक्सपेंशन हो रहा है, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है। गत वित्तीय वर्ष में टाटा गु्रप की इन्डियन होटल्स कम्पनी(आईएचसीएल) ने रिकॉर्ड 74 साइनिंग की है। उनके 243 होटल्स ऑपरेटिंग हैं और 137 पाइपलाइन में है। यह नम्बर बड़ा है। आईएचसीएल के एक्जीक्यूटिव वाइस पे्रसीडेंट, रियल एस्टेट एंड डवलपमेंट ने कहा है कि एक्जीलरेट 2030 स्ट्रेटजी के तहत यह एक्सपेंशन किया जा रहा है। देश की पर्यटन सम्भावनाओं को देखते हुए 2030 तक पोर्टफोलियो की संख्या को सात सौ होटलों तक पहुंचाने की योजना है। कन्ज्यूमर बेस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसमें डिमांड और सप्लाई का बैलेंस बैठाना अहम है। रैडीसन होटल गु्रप 2030 तक 500 होटल तक पहुंचना चाहता है। मेरियट इंटरनेशनल आने वाले तीन से पांच वर्ष में 250 से 300 होटलों में पचास हजार रूम कैपेसिटी करने का टारगेट कर रही है। मेरियट इंटरनेशनल की साउथ एशिया रीजनल वाइस-पे्रसीडेंट ने कहा है कि गत वर्ष होटल चेन ने 42 डील्स की हैं। वर्तमान में उनके 158 ऑपरेशनल होटल्स हैं। देश के प्रमुख मैट्रो शहरों में यह विस्तार मार्केट को रीशेप करेगा। फे्रन्चाइजी और कन्वर्जन मॉडल्स स्केपअप होंगे। छोटे शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर अपगे्रड्स देखने को मिल सकते है। आईटीसी होटल्स के करंट पोर्टफोलियो में 144 होटल्स और। इनमें 13,300 रूम्स कैपेसिटी है। 2030 तक दो सौ होटलों में 18,000 रूम कैपेसिटी का टारगेट है। इसमें से एक तियाही मैनेज्ड पोर्टफोलियो हो सकता है। गौरतलब है कि गेस्ट प्रिफरेंस में डाइवर्स और कॉन्शियस ट्यूरिज्म पर फोकस बढ़ रहा है। एचवीएस एनारॉक रिसर्च के अनुसार कैलेण्डर ईयर 2024 में करीब 47,000 ब्राण्डेड रूम्स साइन किये गये और इनमें से 13800 रूम्स ऑपरेशनल हो गये हैं। दिसम्बर, 2024 देश में एक लाख रूम्स पाइपलाइन में रहे हैं और यह 2030 तक लांच होने की सम्भावना है। एचवीएस एनारॉक के पे्रसीडेंट और सीईओ के अनुसार यदि यह स्पीड बरकरार रहती है तो 2030 तक टोटल ब्राण्डेड इन्वेंट्री 3 लाख रूम्स तक पहुंचने की सम्भावना है। इससे डिमांड-सप्लाई के मध्य का गैप कम होगा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार गत दो वर्षों में विस्तार को जो क्रम हमने देखा है, उससे मार्केट के पोटेंशियल का भी पता चलता है। एयरलाइंस एक्सपेंशन, डेलीगेशन विजिट्स, बिजनेस, एमआईसीई डिमांड आदि के कारण होटल रूम्स की डिमांड बढ़ी है।

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डोमेस्टिक और इंटरनेशनल होटल चेंस कर रही है एक्सपेंशन

 इन्डियन और ग्लोबल होटल चेंस वर्ष 2030 तक की महत्वकांक्षी विस्तार योजना पर काम कर रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार जिस तेज स्पीड से एक्सपेंशन हो रहा है, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है। गत वित्तीय वर्ष में टाटा गु्रप की इन्डियन होटल्स कम्पनी(आईएचसीएल) ने रिकॉर्ड 74 साइनिंग की है। उनके 243 होटल्स ऑपरेटिंग हैं और 137 पाइपलाइन में है। यह नम्बर बड़ा है। आईएचसीएल के एक्जीक्यूटिव वाइस पे्रसीडेंट, रियल एस्टेट एंड डवलपमेंट ने कहा है कि एक्जीलरेट 2030 स्ट्रेटजी के तहत यह एक्सपेंशन किया जा रहा है। देश की पर्यटन सम्भावनाओं को देखते हुए 2030 तक पोर्टफोलियो की संख्या को सात सौ होटलों तक पहुंचाने की योजना है। कन्ज्यूमर बेस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसमें डिमांड और सप्लाई का बैलेंस बैठाना अहम है। रैडीसन होटल गु्रप 2030 तक 500 होटल तक पहुंचना चाहता है। मेरियट इंटरनेशनल आने वाले तीन से पांच वर्ष में 250 से 300 होटलों में पचास हजार रूम कैपेसिटी करने का टारगेट कर रही है। मेरियट इंटरनेशनल की साउथ एशिया रीजनल वाइस-पे्रसीडेंट ने कहा है कि गत वर्ष होटल चेन ने 42 डील्स की हैं। वर्तमान में उनके 158 ऑपरेशनल होटल्स हैं। देश के प्रमुख मैट्रो शहरों में यह विस्तार मार्केट को रीशेप करेगा। फे्रन्चाइजी और कन्वर्जन मॉडल्स स्केपअप होंगे। छोटे शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर अपगे्रड्स देखने को मिल सकते है। आईटीसी होटल्स के करंट पोर्टफोलियो में 144 होटल्स और। इनमें 13,300 रूम्स कैपेसिटी है। 2030 तक दो सौ होटलों में 18,000 रूम कैपेसिटी का टारगेट है। इसमें से एक तियाही मैनेज्ड पोर्टफोलियो हो सकता है। गौरतलब है कि गेस्ट प्रिफरेंस में डाइवर्स और कॉन्शियस ट्यूरिज्म पर फोकस बढ़ रहा है। एचवीएस एनारॉक रिसर्च के अनुसार कैलेण्डर ईयर 2024 में करीब 47,000 ब्राण्डेड रूम्स साइन किये गये और इनमें से 13800 रूम्स ऑपरेशनल हो गये हैं। दिसम्बर, 2024 देश में एक लाख रूम्स पाइपलाइन में रहे हैं और यह 2030 तक लांच होने की सम्भावना है। एचवीएस एनारॉक के पे्रसीडेंट और सीईओ के अनुसार यदि यह स्पीड बरकरार रहती है तो 2030 तक टोटल ब्राण्डेड इन्वेंट्री 3 लाख रूम्स तक पहुंचने की सम्भावना है। इससे डिमांड-सप्लाई के मध्य का गैप कम होगा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार गत दो वर्षों में विस्तार को जो क्रम हमने देखा है, उससे मार्केट के पोटेंशियल का भी पता चलता है। एयरलाइंस एक्सपेंशन, डेलीगेशन विजिट्स, बिजनेस, एमआईसीई डिमांड आदि के कारण होटल रूम्स की डिमांड बढ़ी है।


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