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16-06-2025

डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट 6 बिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान

  •  इंडियन डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2027 तक 6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2023 में यह करीब 4 बिलियन डॉलर की रही थी। मल्टीपल फेवरेबल फेक्टर्स के कारण यह वृद्धि हो जाने का अनुमान है। डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट आने वाले चार वर्ष में 12 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना है। नेक्स्ट जैनरेशन मैनेजमेंट कन्सल्टिंग एंड एडवाइजरी सर्विसेज फर्म ने यह अनुमान दिया है। इसके अनुसार क्लीनिकल सेगमेंट्स सबसे ज्यादा बड़ा होगा, साइज करीब एक बिलियन डॉलर की हो सकती है। अन्य सेगमेंट्स में क्लीनिकल केमिस्ट्री, इम्यूनोसे, हिस्टोपैथोलॉजी जो कि करीब 14 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर से बढ़ सकते हैं। एक्स-रे, सीटी, एमआर सेगमेंट में कमजोर ग्रोथ रह सकती है। यह करीब 7 प्रतिशत, 4 प्रतिशत और 9 प्रतिशत रह सकती है। डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट में तीन विभाग मुख्य रूप से हैं-डोमेस्टिक प्लेयर्स, एशियन एमएनसी और वैस्टर्न एमएनसी। डोमेस्टिक प्लेयर्स में ट्रांसासिया, ट्रिविट्रोन और एक्यूरेक्स शामिल है। यह प्रतिस्पर्धी कीमत पर हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स डिलीवर करते हैं। स्थानीय बाजार के बारे में इन्हें समझ है और जरूरत के अनुसार प्रोडक्ट पेश किये जाते हैं। इनके पास बेहतर वितरण नेटवर्क है, सेल्स टीम है और एफिशियंट आफ्टर सेल्स सर्विस है। विशेष रूप से टीयर टू और टीयर थ्री शहरों में पूरा नेटवर्क है। एशियाई प्लेयर्स की बात करें तो उनके पास कॉस्ट इफेक्टिव सॉल्यूशन हैं। वे जापानी एमएनसी के मुकाबले में बेहतर प्रोडक्ट देते हैं। वेस्टर्न एमएनसी (जीई हैल्थकेयर, रोचे, फिलिप्स, सीमेंस आदि) हाई एंड इक्विपमेंट सेगमेंट में वर्चस्व रखते हैं। ऐसा टेक्नोलॉजी लीडरशिप के कारण है। कस्टमर्स ट्रस्ट और कटिंग ऐज टेक्नोलॉजी के कारण ऐसा है। मेडिकल इक्विपमेंट मार्केट में विस्तार का एक कारण यह भी है कि डॉयग्नोस्टिक लैब्ज का विस्तार छोटे शहरों में भी हो रहा है। यहां पर भी लोगों के पास उपयोग हेतु आय बढ़ रही है। यह लोग एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट और डिवाइसेज की डिमांड बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा एजिंग पापूलेशन की ओर से होम बेस्ड उपकरण की डिमांड भी बढ़ रही है। देश में गैर संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल ट्यूरिज्म भी बढ़ रहा है, जिसने उपकरण बाजार की वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा है कि गत पांच से सात वर्ष में जो तीन-चार प्लेयर्स डॉमीनेट कर रहे हैं, वैसा अब नहीं होगा, बल्कि तीन-चार नये प्लेयर्स इस सेगमेंट में आयेंगे। यह सेगमेंट जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, नये प्लेयर्स के लिये काफी स्पेस जैनरेट हो रहा है।

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डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट 6 बिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान

 इंडियन डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट इंडस्ट्री वर्ष 2027 तक 6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2023 में यह करीब 4 बिलियन डॉलर की रही थी। मल्टीपल फेवरेबल फेक्टर्स के कारण यह वृद्धि हो जाने का अनुमान है। डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट आने वाले चार वर्ष में 12 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना है। नेक्स्ट जैनरेशन मैनेजमेंट कन्सल्टिंग एंड एडवाइजरी सर्विसेज फर्म ने यह अनुमान दिया है। इसके अनुसार क्लीनिकल सेगमेंट्स सबसे ज्यादा बड़ा होगा, साइज करीब एक बिलियन डॉलर की हो सकती है। अन्य सेगमेंट्स में क्लीनिकल केमिस्ट्री, इम्यूनोसे, हिस्टोपैथोलॉजी जो कि करीब 14 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर से बढ़ सकते हैं। एक्स-रे, सीटी, एमआर सेगमेंट में कमजोर ग्रोथ रह सकती है। यह करीब 7 प्रतिशत, 4 प्रतिशत और 9 प्रतिशत रह सकती है। डॉयग्नोस्टिक इक्विपमेंट मार्केट में तीन विभाग मुख्य रूप से हैं-डोमेस्टिक प्लेयर्स, एशियन एमएनसी और वैस्टर्न एमएनसी। डोमेस्टिक प्लेयर्स में ट्रांसासिया, ट्रिविट्रोन और एक्यूरेक्स शामिल है। यह प्रतिस्पर्धी कीमत पर हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स डिलीवर करते हैं। स्थानीय बाजार के बारे में इन्हें समझ है और जरूरत के अनुसार प्रोडक्ट पेश किये जाते हैं। इनके पास बेहतर वितरण नेटवर्क है, सेल्स टीम है और एफिशियंट आफ्टर सेल्स सर्विस है। विशेष रूप से टीयर टू और टीयर थ्री शहरों में पूरा नेटवर्क है। एशियाई प्लेयर्स की बात करें तो उनके पास कॉस्ट इफेक्टिव सॉल्यूशन हैं। वे जापानी एमएनसी के मुकाबले में बेहतर प्रोडक्ट देते हैं। वेस्टर्न एमएनसी (जीई हैल्थकेयर, रोचे, फिलिप्स, सीमेंस आदि) हाई एंड इक्विपमेंट सेगमेंट में वर्चस्व रखते हैं। ऐसा टेक्नोलॉजी लीडरशिप के कारण है। कस्टमर्स ट्रस्ट और कटिंग ऐज टेक्नोलॉजी के कारण ऐसा है। मेडिकल इक्विपमेंट मार्केट में विस्तार का एक कारण यह भी है कि डॉयग्नोस्टिक लैब्ज का विस्तार छोटे शहरों में भी हो रहा है। यहां पर भी लोगों के पास उपयोग हेतु आय बढ़ रही है। यह लोग एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट और डिवाइसेज की डिमांड बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा एजिंग पापूलेशन की ओर से होम बेस्ड उपकरण की डिमांड भी बढ़ रही है। देश में गैर संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल ट्यूरिज्म भी बढ़ रहा है, जिसने उपकरण बाजार की वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा है कि गत पांच से सात वर्ष में जो तीन-चार प्लेयर्स डॉमीनेट कर रहे हैं, वैसा अब नहीं होगा, बल्कि तीन-चार नये प्लेयर्स इस सेगमेंट में आयेंगे। यह सेगमेंट जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, नये प्लेयर्स के लिये काफी स्पेस जैनरेट हो रहा है।


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