ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सिटीमॉल भारत में एक विशाल आबादी के लिए खुदरा कारोबार की कल्पना कर रही है, जिनके पास अभी तक यह सेवा पूरी तरह नहीं पहुंची है। सिटीमॉल के को-फाउंडर और सीईओ ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि छोटे शहर के उपभोक्ताओं के लिए विकल्प सीमित हैं और इसलिए कंपनी भारत के छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में रहने वाले 50 करोड़ नए इंटरनेट यूजर्स पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी किफायती कीमतों पर रोजमर्रा की जरूरत का सामान मुहैया कराने पर जोर दे रही है। किकला ने कहा कि भारत के खाद्य और किराना कारोबार में 600 अरब अमेरिकी डॉलर के अवसर हैं। इसका 93 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अब भी असंगठित क्षेत्र का है और ई-कॉमर्स मंचों के पास दो प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत में एक बड़ी, वंचित आबादी है जो अब भी रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए संघर्ष करती है। ये लोग किफायती और अच्छा सामान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह अंतर केवल एक व्यावसायिक समस्या नहीं है, यह एक मानवीय समस्या है। सिटीमॉल का जन्म इस अंतर को पाटने के लिए हुआ है। कंपनी प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर भारत में ई-कॉमर्स को सुलभ बना रही है और दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की खरीदारी को किफायती बना रही है।