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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

13-06-2025

डिजिटल पेमेंट को सिक्योर बनाने के लिए एनपीसीआई और आईडीआरबीटी ने की पार्टनरशिप

  •  नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) ने भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में साइबर सिक्योरिटी को मिलकर मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य टे्रनिंग, अवेयरनैस और प्रोएक्टिव रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित कर डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुरक्षा को बेहतर बनाना है। एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने कहा कि आईडीआरबीटी के साथ यह सहयोग तकनीक के साथ-साथ लोगों और तैयारियों के माध्यम से साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन और साझा खुफिया जानकारियां सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। आईडीआरबीटी के निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि संस्थान ने हमेशा बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर को टेक्नोलॉजी अपनाने में मदद करने की दिशा में काम किया है। यह औपचारिक साझेदारी सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देगी और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में मजबूत रिस्पॉन्स सिस्टम का निर्माण करेगी। समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों संगठन संयुक्त रूप से बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सेक्टर में टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेंगे। ये कार्यक्रम साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेंगे। साझेदारी के तहत एक नया एनपीसीआई- सर्टिफाइड पेमेंट सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को लॉन्च किया जाएगा इसके अतिरिक्त, आईडीआरबीटी अपने साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस सर्विस प्लेटफॉर्म को एनपीसीआई और उसके साझेदार संगठनों तक विस्तारित करेगा। यह सर्विस रियल टाइम में डिजिटल पेमेंट नेटवर्क में साइबर अटैक को रोकने और डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक खतरे की खुफिया जानकारी प्रदान करेगी। यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब भारत में यूपीआई जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का तेजी से विकास हो रहा है और इसका उपयोग बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में, डिजिटल पेमेंट में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह प्रतिदिन 60.81 करोड़ लेनदेन तक पहुंच गया, जिसमें यूपीआई का योगदान 83.73 प्रतिशत दर्ज किया गया है।

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डिजिटल पेमेंट को सिक्योर बनाने के लिए एनपीसीआई और आईडीआरबीटी ने की पार्टनरशिप

 नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) ने भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में साइबर सिक्योरिटी को मिलकर मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य टे्रनिंग, अवेयरनैस और प्रोएक्टिव रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित कर डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुरक्षा को बेहतर बनाना है। एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने कहा कि आईडीआरबीटी के साथ यह सहयोग तकनीक के साथ-साथ लोगों और तैयारियों के माध्यम से साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन और साझा खुफिया जानकारियां सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। आईडीआरबीटी के निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि संस्थान ने हमेशा बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर को टेक्नोलॉजी अपनाने में मदद करने की दिशा में काम किया है। यह औपचारिक साझेदारी सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देगी और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में मजबूत रिस्पॉन्स सिस्टम का निर्माण करेगी। समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों संगठन संयुक्त रूप से बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सेक्टर में टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेंगे। ये कार्यक्रम साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेंगे। साझेदारी के तहत एक नया एनपीसीआई- सर्टिफाइड पेमेंट सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को लॉन्च किया जाएगा इसके अतिरिक्त, आईडीआरबीटी अपने साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस सर्विस प्लेटफॉर्म को एनपीसीआई और उसके साझेदार संगठनों तक विस्तारित करेगा। यह सर्विस रियल टाइम में डिजिटल पेमेंट नेटवर्क में साइबर अटैक को रोकने और डिफेंस मैकेनिज्म को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक खतरे की खुफिया जानकारी प्रदान करेगी। यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब भारत में यूपीआई जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का तेजी से विकास हो रहा है और इसका उपयोग बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में, डिजिटल पेमेंट में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह प्रतिदिन 60.81 करोड़ लेनदेन तक पहुंच गया, जिसमें यूपीआई का योगदान 83.73 प्रतिशत दर्ज किया गया है।


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