TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-06-2025

समर प्रोडक्ट्स की सेल्स को लगी ‘ठंड’,चल रही प्रोडक्शन कट की कवायत

  •  इस बार समर सीजन कम्पनियों के लिये खास अच्छा नहीं जा रहा है। अपे्रल-मई में एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर, बेवेरेजेज, आइसक्रीम्स, टैलकम पाउडर आदि की सेल्स अनुपातिक रूप से बेहतर नहीं कही जा सकती है। इन कैटेगरीज का एक नियम यह है कि तापमान के बढऩे पर इनकी बिक्री परवान चढ़ती है। इस बार मई का महिना जो कि गर्मी की तीव्रता का महिना होता है, कम तापमान के चलते बीत गया। ऐसे में कम्पनियां उपरोक्त कैटेगरीज के प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन 25 प्रतिशत कम कर रही हैं। अपे्रल और मई के महिने की इन्वेंट्री को सेलआउट करने का दबाव रहा है।  केरल में तो इस बार मई के आखिरी सप्ताह में ही मानसून ने दस्तक दे दी, जो आगे बढक़र महाराष्ट्र तक पहुंच गया। मानसून का असर देशभर में देखने को मिला और इसके चलते आंधी-बारिश का ऐसा दौर शुरू हुआ जो मई माह में कूलिंग प्रोडक्ट्स की बिक्री को प्रभावित कर गया। अब जून माह में तापमान में वृद्धि हो रही है लेकिन सेल्स के लिहाज से यह कितनी भरपाई कर पायेगी, यह देखने वाली बात रहेगी। कम्पनियों के एक्जीक्यूटिव्ज के अनुसार प्रोडक्ट्स प्रोडक्शन कट जरूरी हो गया है। अनसोल्ड स्टॉक काफी है, इसकी उम्मीद नहीं थी। गत वर्ष तापमान जिस हिसाब से मई-जून में रहे थे, उसके अनुसार कम्पनियों ने काफी स्टॉक पाइलअप कर लिया था लेकिन इस बार का आलम अलग रहा है। गोदरेज एंटरप्राइजेज के एप्लायंसेज बिजनेस हैड ने कहा है कि एयर कंडीशनर का उत्पादन बीस प्रतिशत तक कम किया गया है। अपे्रल-मई माह में साउथ, ईस्ट और वेस्ट में सेल्स 25 से 30 प्रतिशत कम रही है। यह तुलना गत वर्ष से की गई है। ओवरऑल एयर कंडीशनर सेल्स में इन क्षेत्रों का योगदान करीब 60 प्रतिशत रहता है। उत्तर भारत में दस प्रतिशत की ग्रोथ से पूर्ति नहीं हो पायेगी। ओवरऑल सेल्स गत दो माह में करीब 10-15 प्रतिशत डाउन रही है। एसी मेकर ब्लू स्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार इंडस्ट्री को इस बार 25 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद थी लेकिन अपे्रल में इंडस्ट्री सेल्स 15 से 20 प्रतिशत कम रही। प्रोडक्शन को एडजस्ट कर इन्वेंटरी को सैटल करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां तक बेवेरेजेज कम्पनियों का सवाल है तो मई, जून में वहां डबल शिफ्ट में काम होता है लेकिन इस बार सिंगल शिफ्ट का काम ज्यादा नजर आया है। बेवेरेज डिमांड प्रभावित रही है, विशेष रूप से आउट ऑफ होम चैनल्स पर सॉफ्ट ड्रिंक्स की डिमांड स्लो चली है। अपे्रल, मई और जून माह में 40-50 प्रतिशत की बेवेरेजेज सेल्स होती है। गत वर्ष देशभर में भीषण गर्मी का दौर लम्बा चला था, तापमान पचास डिग्री पार किया था। लू, तापमान में वृद्धि के दिन ज्यादा रहे थे। इस बार ऐसा नहीं हुआ है। बीच-बीच में तापमान बढ़ा लेकिन गत वर्ष की ऊंचाई नहीं ले पाया। इमामी जो कि डर्मीकूल और गोल्डन ब्यूटी टैल्क का उत्पादन करती है, के अनुसार बारिश के कारण साउथ और इस्ट इंडिया में सेल्स प्रभावित रही है। अपे्रल में टैलकम पाउडर की सेल्स प्रभावित रही। मई में भी भीषण गर्मी का दौर नहीं देखने को मिला। जब कम्पनियों की आस चालू माह से है।

Share
समर प्रोडक्ट्स की सेल्स को लगी ‘ठंड’,चल रही प्रोडक्शन कट की कवायत

 इस बार समर सीजन कम्पनियों के लिये खास अच्छा नहीं जा रहा है। अपे्रल-मई में एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर, बेवेरेजेज, आइसक्रीम्स, टैलकम पाउडर आदि की सेल्स अनुपातिक रूप से बेहतर नहीं कही जा सकती है। इन कैटेगरीज का एक नियम यह है कि तापमान के बढऩे पर इनकी बिक्री परवान चढ़ती है। इस बार मई का महिना जो कि गर्मी की तीव्रता का महिना होता है, कम तापमान के चलते बीत गया। ऐसे में कम्पनियां उपरोक्त कैटेगरीज के प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन 25 प्रतिशत कम कर रही हैं। अपे्रल और मई के महिने की इन्वेंट्री को सेलआउट करने का दबाव रहा है।  केरल में तो इस बार मई के आखिरी सप्ताह में ही मानसून ने दस्तक दे दी, जो आगे बढक़र महाराष्ट्र तक पहुंच गया। मानसून का असर देशभर में देखने को मिला और इसके चलते आंधी-बारिश का ऐसा दौर शुरू हुआ जो मई माह में कूलिंग प्रोडक्ट्स की बिक्री को प्रभावित कर गया। अब जून माह में तापमान में वृद्धि हो रही है लेकिन सेल्स के लिहाज से यह कितनी भरपाई कर पायेगी, यह देखने वाली बात रहेगी। कम्पनियों के एक्जीक्यूटिव्ज के अनुसार प्रोडक्ट्स प्रोडक्शन कट जरूरी हो गया है। अनसोल्ड स्टॉक काफी है, इसकी उम्मीद नहीं थी। गत वर्ष तापमान जिस हिसाब से मई-जून में रहे थे, उसके अनुसार कम्पनियों ने काफी स्टॉक पाइलअप कर लिया था लेकिन इस बार का आलम अलग रहा है। गोदरेज एंटरप्राइजेज के एप्लायंसेज बिजनेस हैड ने कहा है कि एयर कंडीशनर का उत्पादन बीस प्रतिशत तक कम किया गया है। अपे्रल-मई माह में साउथ, ईस्ट और वेस्ट में सेल्स 25 से 30 प्रतिशत कम रही है। यह तुलना गत वर्ष से की गई है। ओवरऑल एयर कंडीशनर सेल्स में इन क्षेत्रों का योगदान करीब 60 प्रतिशत रहता है। उत्तर भारत में दस प्रतिशत की ग्रोथ से पूर्ति नहीं हो पायेगी। ओवरऑल सेल्स गत दो माह में करीब 10-15 प्रतिशत डाउन रही है। एसी मेकर ब्लू स्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार इंडस्ट्री को इस बार 25 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद थी लेकिन अपे्रल में इंडस्ट्री सेल्स 15 से 20 प्रतिशत कम रही। प्रोडक्शन को एडजस्ट कर इन्वेंटरी को सैटल करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां तक बेवेरेजेज कम्पनियों का सवाल है तो मई, जून में वहां डबल शिफ्ट में काम होता है लेकिन इस बार सिंगल शिफ्ट का काम ज्यादा नजर आया है। बेवेरेज डिमांड प्रभावित रही है, विशेष रूप से आउट ऑफ होम चैनल्स पर सॉफ्ट ड्रिंक्स की डिमांड स्लो चली है। अपे्रल, मई और जून माह में 40-50 प्रतिशत की बेवेरेजेज सेल्स होती है। गत वर्ष देशभर में भीषण गर्मी का दौर लम्बा चला था, तापमान पचास डिग्री पार किया था। लू, तापमान में वृद्धि के दिन ज्यादा रहे थे। इस बार ऐसा नहीं हुआ है। बीच-बीच में तापमान बढ़ा लेकिन गत वर्ष की ऊंचाई नहीं ले पाया। इमामी जो कि डर्मीकूल और गोल्डन ब्यूटी टैल्क का उत्पादन करती है, के अनुसार बारिश के कारण साउथ और इस्ट इंडिया में सेल्स प्रभावित रही है। अपे्रल में टैलकम पाउडर की सेल्स प्रभावित रही। मई में भी भीषण गर्मी का दौर नहीं देखने को मिला। जब कम्पनियों की आस चालू माह से है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news