खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने कहा है कि राज्य के मिनरल ब्लॉकों व प्लाटों के डेलिनियेशन से लेकर खान परिचालन सहित सभी आवश्यक जानकारी अब राजधरा पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। राजधरा पोर्टल पर राज्य की खनिज संपदा को भी तीन लेयर में प्रदर्शित किया जाएगा जिसमें एक लेयर में मेजर मिनरल होंगे तो दूसरी लेयर में माइनर मिनरल और तीसरी लेयर में खनिज बजरी की जानकारी होगी। रविकान्त खनिज भवन में निदेशक माइंस दीपक तंवर, विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सूचना एवं प्रोद्योगिकी डीओआईटी राजधरा टीम के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में डेलिनियेशन कार्य आरंभ होने के साथ ही उपलब्ध खनिज और उसके संभावित डिपोजिट व अन्य आवश्यक जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध हो सकेगी। रविकान्त ने बताया कि माइनिंग सेक्टर की यह जानकारी राजधरा पोर्टल व प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर उपलब्ध होने से संबंधित विभागों के बीच बेहतर तालमेल और खनन सेक्टर में अधिक निवेश, रोजगार और राजस्व के अवसर उपलब्ध होंगे। राजधरा पोर्टल पर ही ब्लॉक व प्लॉट क्षेत्र में वन या चारागाह भूमि होने की भी जानकारी होगी जिससे आधारभूत ढांचा यथा सडक़-परिवहन या अन्य विकास कार्यों में खनन क्षेत्रों में ओवरलेपिंग भी नहीं हो सकेगी। इससे पहले विभाग में माइनिंग प्लान के ऑनलाइन अनुमोदन व नोड्यूज जारी करने के मॉड्यूल को परिचालन में लाया जा चुका है। निदेशक माइन्स दीपक तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा व्यवस्था के सरलीकरण और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन मॉड्यूल परिचालन में लाने आरंभ कर दिये हैं। माइनिंग प्लान अनुमोदन व नोड्यूज के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरु हो गई है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रभावी मोनिटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षण खनि अभियंताओं को दी जा रही है। सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के तकनीकी निदेशक अप्रेश दुबे, उपनिदेशक वनय कुमार और राजधरा टीम के सदस्यों ने विश्वास दिलाया कि पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने और पीएमगतिशक्ति से इंटीग्रेट करने का कार्य खान विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए दो सवा दो माह में पूरा कर लिया जाएगा।