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14-08-2025

एसयूवी प्ले से मारुति करेगी वॉल्यूम ग्रोथ को रिले

  •  देश के दो सबसे बड़े पीवी ब्रांड्स एक साथ ब्रीदर या कहें तो ट्रांजिशन फे•ा में उतर गए हैं। ह्यूंदे पर भी दबाव है और मारुति पर भी। एक दौर में दोनों की पहचान स्मॉल कार कंपनी के रूप में थी। और अब यह सैगमेंट क्राइसिस में है। हालांकि पिछले सालों में मारुति ने अपने पोर्टफोलियो में कई विनर यूवी मॉडल शामिल किए हैं लेकिन स्मॉल और कॉम्पेक्ट कार मॉडलों का अभी भी कंपनी की सेल्स में बड़ा शेयर है। यदि जिप्सी और वरसा को छोड़ दें तो मारुति की यूवी जर्नी अर्टीगा से 2012 में शुरू हुई थी जो आज भी बेस्ट सेलर बनी हुई। इसके अलावा विटारा ब्रे•ाा और ग्रांड विटारा भी हैं। लेकिन फ्रॉन्क्स के रूप में कंपनी ने सैगमेंट के लोअर एंड को करीने से कैपिटलाइज किया है। अब चर्चा है कि मारुति सुजुकी 3 सितंबर को एक नई एसयूवी लॉन्च कर रही है। कंपनी यूवी में अलग-अलग प्राइस पॉइंट्स पर नए मॉडलों का पूरा लाइनअप तैयार कर रही है। चर्चा है कि मिडसाइज के इस अपकमिंग एसयूवी से कंपनी मिड सैगमेंट में अपने सेल्स वॉल्यूम को दोगुना करना चाहती है। यह कंपनी के हरियाणा के खरखौदा प्लांट से निकलने वाला पहला नया मॉडल होगा और एनेलिस्ट कहते हैं कि कंपनी हर महीने 10 हजार यूनिट्स का प्रॉडक्शन प्लान लेकर चल रही है। मारुति का नेक्सा गेम कामयाब रहा है और 10 साल में इस नेटवर्क के जरिए 32 लाख गाडिय़ां बिकी हैं। मारुति ने प्रीमियम ब्रांडिंग के लिए यह ड्यूअल चैनल दांव चला था। कंपनी इस नेक्सा नेटवर्क को प्राइस अपग्रेड के रास्ते पर बढ़ाना चाहती है और इसके लिए हाई टिकट मॉडल्स की आवश्यकता होगी। एरीना के लिए जो नई मिडसाइज एसयूवी आ रही है उसके जरिए कंपनी 10-20 लाख प्राइस ब्रैकेट में कंपीटिशन को गर्म करना चाहती है। साथ में लगी टेबल्स से देश में अलग-अलग सैगमेंट के डायनामिक्स में तेजी से हो रहे ग्राउंडशिफ्ट का अंदाजा हो सकता है। इस लॉन्च को मारुति सुजुकी के लिए एक बड़ा इंफ्लेक्शन पॉइंट कहा जा रहा है। क्योंकि मारुति के फोर्टे वाला स्मॉल और कॉम्पेक्ट कार सैगमेंट जहां सिकुड़ रहा है वहीं एसयूवी में टाटा, महिन्द्रा और ह्यूंदे आदि धाकड़ प्लेयर बनकर उभरे हैं। जिनके पास एसयूवी सैगमेंट में अपने-अपने बेस्ट सेलर हैं। कॉम्पेक्ट और स्मॉल कारों के आउट ऑफ प्रिफरेंस हो जाने के कारण मारुति को मार्केट शेयर में भी बड़ा नुकसान हो रहा है जो कुछ ही सालों में 50 परसेंट से घटकर करीब 40 परसेंट रह गया है। हालांकि मारुति अपने सेल्स वॉल्यूम को बचाने और बढ़ाने में कामयाब रही है। एनेलिस्ट कहते हैं कि ग्रैंड विटारा की सेल्स में ग्रोथ अब उतनी नहीं रही। ऐसे में कंपनी इस प्राइस पॉइंट पर सितंबर में नया मॉडल ला रही है। माना जा रहा है कि नए मॉडल को ग्रांड विटारा के मुकाबले लोअर प्राइस पॉइंट पर पोजिशन किया जाएगा। नई मिड-साइज एसयूवी को मारुति एरीना आउटलेट्स के जरिए बेचेगी जबकि ग्रैंड विटारा को नेक्सा आउटलेट्स के जरिए बेचा जाता है। मारुति नए सिरे से इसलिए भी गियरअप होना चाहती है क्योंकि 2030 तक भारत का पीवी मार्केट 60 लाख यूनिट्स का हो जाएगा। लेकिन एंट्री-लेवल की घटती सेल्स और एसयूवी में हॉट होता कंपीटिशन मारुति के लिए बड़े चैलेंज हैं। कंपनी अपने नेक्सा ब्रांड के जरिए तेज प्रीमियम पुश, सॉलिड एसयूवी प्ले और सेफ्टी अपग्रेड के दम पर खोए ग्राउंड को रिकवर करने के लिए कमर कस रही है।

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एसयूवी प्ले से मारुति करेगी वॉल्यूम ग्रोथ को रिले

 देश के दो सबसे बड़े पीवी ब्रांड्स एक साथ ब्रीदर या कहें तो ट्रांजिशन फे•ा में उतर गए हैं। ह्यूंदे पर भी दबाव है और मारुति पर भी। एक दौर में दोनों की पहचान स्मॉल कार कंपनी के रूप में थी। और अब यह सैगमेंट क्राइसिस में है। हालांकि पिछले सालों में मारुति ने अपने पोर्टफोलियो में कई विनर यूवी मॉडल शामिल किए हैं लेकिन स्मॉल और कॉम्पेक्ट कार मॉडलों का अभी भी कंपनी की सेल्स में बड़ा शेयर है। यदि जिप्सी और वरसा को छोड़ दें तो मारुति की यूवी जर्नी अर्टीगा से 2012 में शुरू हुई थी जो आज भी बेस्ट सेलर बनी हुई। इसके अलावा विटारा ब्रे•ाा और ग्रांड विटारा भी हैं। लेकिन फ्रॉन्क्स के रूप में कंपनी ने सैगमेंट के लोअर एंड को करीने से कैपिटलाइज किया है। अब चर्चा है कि मारुति सुजुकी 3 सितंबर को एक नई एसयूवी लॉन्च कर रही है। कंपनी यूवी में अलग-अलग प्राइस पॉइंट्स पर नए मॉडलों का पूरा लाइनअप तैयार कर रही है। चर्चा है कि मिडसाइज के इस अपकमिंग एसयूवी से कंपनी मिड सैगमेंट में अपने सेल्स वॉल्यूम को दोगुना करना चाहती है। यह कंपनी के हरियाणा के खरखौदा प्लांट से निकलने वाला पहला नया मॉडल होगा और एनेलिस्ट कहते हैं कि कंपनी हर महीने 10 हजार यूनिट्स का प्रॉडक्शन प्लान लेकर चल रही है। मारुति का नेक्सा गेम कामयाब रहा है और 10 साल में इस नेटवर्क के जरिए 32 लाख गाडिय़ां बिकी हैं। मारुति ने प्रीमियम ब्रांडिंग के लिए यह ड्यूअल चैनल दांव चला था। कंपनी इस नेक्सा नेटवर्क को प्राइस अपग्रेड के रास्ते पर बढ़ाना चाहती है और इसके लिए हाई टिकट मॉडल्स की आवश्यकता होगी। एरीना के लिए जो नई मिडसाइज एसयूवी आ रही है उसके जरिए कंपनी 10-20 लाख प्राइस ब्रैकेट में कंपीटिशन को गर्म करना चाहती है। साथ में लगी टेबल्स से देश में अलग-अलग सैगमेंट के डायनामिक्स में तेजी से हो रहे ग्राउंडशिफ्ट का अंदाजा हो सकता है। इस लॉन्च को मारुति सुजुकी के लिए एक बड़ा इंफ्लेक्शन पॉइंट कहा जा रहा है। क्योंकि मारुति के फोर्टे वाला स्मॉल और कॉम्पेक्ट कार सैगमेंट जहां सिकुड़ रहा है वहीं एसयूवी में टाटा, महिन्द्रा और ह्यूंदे आदि धाकड़ प्लेयर बनकर उभरे हैं। जिनके पास एसयूवी सैगमेंट में अपने-अपने बेस्ट सेलर हैं। कॉम्पेक्ट और स्मॉल कारों के आउट ऑफ प्रिफरेंस हो जाने के कारण मारुति को मार्केट शेयर में भी बड़ा नुकसान हो रहा है जो कुछ ही सालों में 50 परसेंट से घटकर करीब 40 परसेंट रह गया है। हालांकि मारुति अपने सेल्स वॉल्यूम को बचाने और बढ़ाने में कामयाब रही है। एनेलिस्ट कहते हैं कि ग्रैंड विटारा की सेल्स में ग्रोथ अब उतनी नहीं रही। ऐसे में कंपनी इस प्राइस पॉइंट पर सितंबर में नया मॉडल ला रही है। माना जा रहा है कि नए मॉडल को ग्रांड विटारा के मुकाबले लोअर प्राइस पॉइंट पर पोजिशन किया जाएगा। नई मिड-साइज एसयूवी को मारुति एरीना आउटलेट्स के जरिए बेचेगी जबकि ग्रैंड विटारा को नेक्सा आउटलेट्स के जरिए बेचा जाता है। मारुति नए सिरे से इसलिए भी गियरअप होना चाहती है क्योंकि 2030 तक भारत का पीवी मार्केट 60 लाख यूनिट्स का हो जाएगा। लेकिन एंट्री-लेवल की घटती सेल्स और एसयूवी में हॉट होता कंपीटिशन मारुति के लिए बड़े चैलेंज हैं। कंपनी अपने नेक्सा ब्रांड के जरिए तेज प्रीमियम पुश, सॉलिड एसयूवी प्ले और सेफ्टी अपग्रेड के दम पर खोए ग्राउंड को रिकवर करने के लिए कमर कस रही है।


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