जिले में पावर कट के चलते बड़ी संख्या में घरेलू विद्युत उपभोक्ता प्रधानमंत्री सूर्य उदय योजना (पीएम सौर ऊर्जा योजना) से जुडऩा चाहते हैं, लेकिन घरों की छतों पर लगने वाले सौर पैनल का संकट होने से सैंकड़ों प्रोजेक्ट पाईपलाइन में अटके पड़े हैं। यही हालत कृषि के क्षेत्र में प्रधानमंत्री कुसुम योजना की है। इसके तहत किसानों के खेतों पर लगने वाले सौर ऊर्जा के पंप सैट स्थापित करने की रफ्तार धीमी है। बढ़ती विद्युत दरों एवं पावरकट के चलते प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की गई। इससे बिजली की उपलब्धता और स्थिरता बढऩे के चलते जिले में प्रति माह 100 से अधिक स्थानों पर घरेलू सौर ऊर्जा पैनल लग रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र में कार्य कर रहे कारोबारियों का कहना है कि सौर ऊर्जा पैनल की सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा है। जिले में सौ से अधिक छोटे-बड़े कारोबारी यह कार्य कर रहे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में यह कारोबार गांव -गांव तक फैलने की सम्भावना है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ई-बाईक व कारों की मांग बढऩे से विद्युत की मांग बढ़ी है। सौर ऊर्जा योजना में केन्द्र और राज्य सरकार से मिलने वाली अनुदान की राशि के अतिरिक्त सभी बैकों ने सौर ऊर्जा योजना पर कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा मिलने से जिले में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों में यह योजना पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा बचत का एक प्रभावी माध्यम बनती जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य घरों को स्वच्छ और सस्ती सौर ऊर्जा से जोडऩा है। सरकार ने यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न व मध्यम आय वर्ग के परिवारों को ध्यान में रखते हुए तैयार की थी, लेकिन राज्य सरकार ने प्रत्येक उपभोक्ता को प्रति माह 100 यूनिट फ्री दिये जाने के कारण उनको बिजली का बिल नहीं चुकाना पड़ता है, अथवा बहुत कम राशि का बिल आने से सरकार की योजना से जुडऩे में बड़ा रोड़ा बना हुआ है। भीलवाड़ा जिले में घरों की छतों पर सैर पैनल लगाकर करीब आठ लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। आने वाले समय में जिस तेजी से बढ़ रही मांग को देखते हुए सैर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा।
इनका कहना है
बजाज सोलर एनर्जी के मालिक गोविंद खंडेलवाल का कहना है कि सौर ऊर्जा के भारतीय पैनल का उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिये इसके अतिरिक्त भविष्य की मांग को देखते हुए गांव स्तर पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने वाले दक्ष कारीगर तैयार करने के लिए सरकार के स्तर पर ट्रेनिंग सेन्टर बने जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।