इन तीनों में महीनों में रैली चल रही है। गोल्ड इस साल करीब 23 परसेंट चढ़ चुका है। सिल्वर 30 परसेंट और बिटकॉइन 80 परसेंट तक बढ़ चुका है। गोल्ड का ग्रोथ आउटलुक हालांकि अब पीक हो चुका है लेकिन सिल्वर और बिटकॉइन के इसी साल 2-2 के लेवल तक पहुंच जाने का अनुमान है। सिल्वर 2 लाख रुपये किलो और बिटकॉइन 2 लाख डॉलर। लेकिन दुनिया के दिग्गज फाइनेंशियल लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने कहा है गोल्ड, सिल्वर और क्रिप्टो में एक क्रेश बिल्डअप हो रहा है। वे कहते हैं प्राइस में करेक्शन आएगा तो वे इनमें इंवेस्ट करेंगे। यह भविष्यवाणी उन्होंने पिछले दिनों ....बबल्स आर अबाउट टू स्टार्ट बस्टिंग....के नाम से की गई एक सोशियल मीडिया पोस्ट में की है। कियोसाकी की पहचान...रिच डैड पूअर डैड जैसी बेस्ट सेलर किताब के लिए है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब मार्केट का बुलबुला फूटेगा तो इन बड़ी कमोडिटी की प्राइस भी गिरेगी। और यह उन इंवेस्टर के लिए किसी गुड़ न्यूज से कम नहीं होगा जो इनमें इंवेस्ट करने के लिए प्राइस करेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। कियोसाकी हमेशा से ही बीअर मार्केट में बाइंग करने की सलाह देने रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इसी स्ट्रेटेजी पर आज भी कायम हैं और क्रेश आने पर इसे फिर से लागू करेंगे। कुछ महीने पहले कियोसाकी ने एक पोस्ट में कहा था कि सिल्वर प्राइस दोगुनी तक हो जाने का अनुमान है। इसका आउटलुक बहुत पॉजिटिव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सिल्वर बहुत अंडरवैल्यूड है और इंवेस्टर को इसे अपने इंवेस्टमेंट प्लान में शामिल करने के बारे में विचार करना चाहिए। वे कहते आए हैं कि परंपरागत धन की बचत करना कोई अच्छा फाइनेंशियल प्लान नहीं है। वे कहते हैं सेवर्स आर लूजर्स...। और वे फेडरल रिजर्व की आलोचना करते हुए प्रिंट करेंसी को फेक बैंकनोट्स कहते आए हैं। वे लिखते हैं ...Stop saving fake dollars, start saving real gold, silver and Bitcoin वर्ष 1987 के मार्केट क्रेश और 2019 के रेपो मार्केट क्राइसिस का उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि नोट छापकर फेडरल रिजर्व हालातों को खराब करता रहता है। इससे इंफ्लेशन बढ़ती है और करेंसी की वेल्यू घटती है। हालांकि बिटकॉइन पिछले 8-10 महीने में 68 हजार से 1.20 लाख डॉलर तक पहुंच गया है। लेकिन इंवेस्टर को सचेत करते हुए वे कहते हैं कि वे अब इसमें इंवेस्ट नहीं कर रहे हैं। वे इकोनॉमी की चाल को देख रहे हैं। वे कहते हैं वे वॉरेन बफेट की तरह कैश पर बैठे हैं और सही डील मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वे कहते हैं कैश सेविंग के बजाय रियल एस्टेट में इंवेस्ट करना चाहिए और मार्केट में उतार-चढ़ाव या अनिश्चितता हो तो यह और भी अच्छा रहता है। लोगों को प्राइस क्रेश के समय इंवेस्ट करने के लिए कैश रखना चाहिए।