ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के लिए भारत दुनियाभर की कंपनियों की पसंद बनकर उभर रहा है। विश्च के करीब 53 प्रतिशत या 1,700 के आसपास जीसीसी देश में मौजूद हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। वेस्टियन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में कुल जीसीसी में से 94 प्रतिशत बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और पुणे में हैं। शेष 6 प्रतिशत जीसीसी कोलकाता, कोच्चि, अहमदाबाद, चंडीगढ़, कोयंबटूर, वडोदरा, नासिक, त्रिवेंद्रम, जोधपुर, वारंगल, बड़ौदा, विशाखापत्तनम, भोगपुरम, जयपुर, सूरत, मोहाली, भुवनेश्वर, इंदौर, मैसूर, मदुरै और भोपाल में फैले हुए हैं। वेस्टियन रिसर्च के अनुसार, भारत में जीसीसी की कुल संख्या 8 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रही है और यह वित्त वर्ष 2028 तक 2,100 से अधिक होने का अनुमान है। औसतन, प्रतिवर्ष लगभग 150 नए जीसीसी स्थापित होने की उम्मीद है। भारत में आईटी क्षेत्र के जीसीसी की संख्या सबसे अधिक है और कुल जीसीसी में इनकी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। वहीं, बीएफएसआई (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है रिपोर्ट में बताया गया है कि हेल्थकेयर और लाइफसाइंस, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग, कंसल्टेंसी सर्विसेज, और टेलीकॉम एवं मीडिया क्षेत्र की सामूहिक रूप से भारत में जीसीसी की कुल संख्या में लगभग 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। बेंगलुरु में विभिन्न उद्योगों में फैले सबसे अधिक 487 जीसीसी हैं, जो देश में कुल जीसीसी का 29 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, 273 जीसीसी की उपस्थिति के साथ, हैदराबाद देश में सबसे तेजी से बढ़ते जीसीसी केंद्र के रूप में उभरा है। एनसीआर क्षेत्र में 272 जीसीसी, मुंबई में 207 जीसीसी और पुणे में 178 जीसीसी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक रूप से आईटी सपोर्ट और बैक-ऑफिस सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, जीसीसी अब इनोवेशन, रिसर्च एंड डवलपमेंट के केंद्र बन गए हैं और दुनिया भर में उनकी संख्या लगभग 3,200 केंद्रों तक पहुंच गई है।