डेली ग्रॉसरीज, हाउसहोल्ड एंड पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की डिमांड 3.9 प्रतिशत स्लो हुई है। जून क्वार्टर में वॉल्यूम ग्रोथ ईयर-ऑन-ईयर लेवल पर कम है। मानसून की बारिश का जल्दी और तेजी से साथ फैलना इसका कारण रहा है। इस कारण बेवेरेजेज, समर प्रोडक्ट्स की सेल्स पर बे्रक लगा है। मार्केट रिसर्चर न्यूमरेटर (पूर्व में कंतार) ने यह बात कही है। उनके अनुसार मार्केट पहले क्वार्टर में 4.8 प्रतिशत वृद्धि पर रहा। लास्ट क्वार्टर में रूरल मार्केट्स में सेल्स वॉल्यूम 3.2 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन एक वर्ष पूर्व की तुलना में यह कम रहा। पूर्व में यह 5.7 प्रतिशत रहा था। शहरों में ग्रोथ रेट चार प्रतिशत रही। ऐसी उम्मीद थी कि जून तिमाही में बेहतरी देखने को मिलेगी, लेकिन बारिश ने इसे फीका कर दिया। न्यूमरेटर के साउथ एशिया मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार रूरल ग्रोथ के मुकाबले में अरबन एरियाज में बेहतर ग्रोथ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार अनइवन बारिश का असर एग्री आउटपुट पर कितना आयेगा, यह आने वाली तिमाहियों में पता चलेगा। ऐसे में अरबन मार्केट में बढ़त पर रहेगा। बेवेरेजेज, बॉटल्ड सॉफ्ट ड्रिंक्स की वॉल्यूम ग्रोथ 1.5 प्रतिशत ही रही जबकि एक वर्ष पूर्व यह 26 प्रतिशत रही थी। पेप्सीको की सबसे बड़ी फे्रन्चाइजी वरुण बेवेरेजेज के अनुसार जून क्वार्टर में इंडिया वॉल्यूम सात प्रतिशत घटे हैं। हालांकि फर्म ने मार्जिंस को मेनटेन रखने में सफलता प्राप्त की है। कोका-कोला के ग्लोबल सीईओ के अनुसार इस बार मानसून का जल्दी आगमन हुआ और इससे बेवेरेजेज की सेल्स प्रभावित हुई। साल की शुरूआत काफी मजबूत रही थी लेकिन बाद में अनकों कारणों से समर सीजन प्रभावित रहा। न्यूमरेटर के अनुसार समर सीजन की अनेक कैटेगरीज जैसे पर्सनल केयर भी प्रभावित रही। डाबर, मैरिको, गोदरेज कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स को उम्मीद है कि आने वाले क्वार्टर्स में सेल्स को गति मिलेगी। इसका कारण बेहतर मानसूनी बारिश, इन्फ्लेशन में सरलता आदि हैं। कोलगेट-पामोलिव इंडिया ने चार प्रतिशत सेल्स की कमी की बात कही है। शहरों में डिमांड घटी है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस बार मानसून के जल्दी आगमन से देश में एफएमसीजी कम्पनियों की समर सेल्स पर ठंडा पानी गिर गया है।