यूरोप के देश स्पेन की सरकार अभी भी यह समझने के लिए मगजमारी कर रही है कि ब्लैकआउट आखिर क्यों हुआ। ब्लैकआउट यानी बिजली गुल हो जाना। बिजली गुल हो जाने के कारण देश की राजधानी मेड्रिड में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर टेलीकॉम और रिटेलिंग तक डाउन हो गई थी। स्पेन यूरोप के उन गिने-चुने देशों में है जिसकी इकोनॉमी में हो ग्रोथ हो रही है और जीडीपी ग्रोथ रेट 2025 में 2.6 परसेंट और 2026 में 2.2 परसेंट रहने की उम्मीद है। देश के एक टॉप बैंकर का कहना है कि एक दिन के ब्लैकआउट से इकोनॉमी को 45 करोड़ डॉलर यानी करीब 3800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार इस ब्लैकआउट के सटीक कारणों की जांच कर रही है। देश के एक बड़े बैंक के अनुमान के अनुसार 28 अप्रैल को हुए इस ब्लैकआउट के कारण स्पेनिश परिवारों की कंज्यूमर स्पेंडिंग एक झटके में 34 परसेंट घट गई। इस दिन देश के अधिकांश हिस्सों में घंटों तक बिजली गुल रही। बैंकर ने कंज्यूमर स्पेंडिंग में कमी आने का यह अनुमान कार्ड के उपयोग, ऑनलाइन शॉपिंग और एटीएम से निकासी के आधार पर लगाया है। हालांकि बाद के दिनों में इस घाटे की एक हद तक भरपाई हो गई फिर भी 15 परसेंट का घाटा रह गया। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ब्लैकआउट का तिमाही जीडीपी पर असर एक परसेंट के दसवें हिस्से से भी कम होगा, जो कि 45 करोड़ डॉलर से भी कम है। हालांकि ज्यादा डेटा मिलने पर यह आंकड़ा बदल भी सकता है। 28 अप्रेल को दोपहर 12:30 बजे के आसपास बिजली गुल हो गई जिससे स्पेन और पुर्तगाल के लगभग 5 करोड़ लोग बिना बिजली के रह गए। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार ब्लैकआउट से तिमाही जीडीपी के लगभग 0.5 परसेंट का तत्काल नुकसान हुआ है लेकिन आने वाले दिनों और हफ्तों में इसमें से कुछ की भरपाई होने की संभावना है।