अभी पिछले महीने ही एयरटेल वाले सुनील भारती मित्तल ने चीन की होम एप्लायंस की ग्लोबल दिग्गज हायर की इंडिया यूनिट में बड़ा स्टेक खरीदा है। हायर इंडिया के 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 17 हजार करोड़ रुपये का वेल्यूएशन लगाया जा रहा था लेकिन मित्तल ने एक इंवेस्टमेंट फंड के साथ मिलकर हायर इंडिया में 49 परसेंट स्टेक 72 करोड़ डॉलर यानी करीब 6 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है। लेकिन इंडिया के कंज्यूमर ड्यूरेबल मार्केट में यह अकेली बिगडील नहीं है। मुकेश अंबानी की रिलायंस ने केल्विनेटर को खरीद लिया है। केल्विनेटर स्वीडन के इलेक्ट्रोलक्स ग्रुप का हिस्सा है। केल्विनेटर ने 1970 और 1980 के दशक में ...द कूलस्ट वन...टैगलाइन के साथ घरेलू रेफ्रिजरेशन की दुनिया में क्रांति ही ला दी थी। माना जा रहा है कि केल्विनेटर की ब्रांड वैल्यू रिलायंस को मिडलक्लास इंडिया घरों में गहरे से पैठ बनाने में मदद करेगी। लेकिन मित्तल और अंबानी इन डील्स को अलग-अलग नजरिए से देखने की जरूरत है। भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के इंवेस्टमेंट प्रपोजल को ब्लॉक कर दिया है और इन्हें लोकल पार्टनर तलाशने के लिए कहा जा रहा है। दूसरी ओर केल्विनेटर के साथ ऐसी कोई मजबूरी नहीं है और रिलायंस रिटेल केल्विनेटर के जरिए कंज्यूमर ड्यूरेबल के हाईग्रोथ मार्केट में विस्तार करना चाहती है। इलेक्ट्रोलक्स ने अपनी तिमाही आय रिपोर्ट में खुलासा किया कि केल्विनेटर ब्रांड को भारत में बेचने से कंपनी को 18 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 18.5 मिलियन डॉलर) का लाभ हुआ है। केल्विनेटर ब्रांड भारत में खासतौर पर अपने रेफ्रिजरेटर के लिए जाना जाता है। रिलायंस रिटेल के पास रिलायंस डिजिटल नाम से रिटेल स्टोर्स की बड़ी चेन है जहां स्मार्टफोन, लैपटॉप, वॉशिंग मशीन व फ्रिज सहित इलेक्ट्रॉनिक और होम एप्लायंस बिकते हैं। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. की एक्जेक्टिव डायरेक्टर ईशा अंबानी ने यह डील कंपनी के आकांक्षापूर्ण जीवनशैली को लोकतांत्रिक बनाने के विजन से मेल खाती है। ईशा अंबानी ने कहा कि कंपनी टियर 2 और टियर 3 शहरों में नेटवर्क का विस्तार कर रही है और वैश्विक अवसरों की भी खोज कर रही है।
