ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के लिए पिछला सप्ताह बहुत जबरदस्त रहा और इसका कुल मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के लेवल के पार पहुंच गया। डेटा प्लेटफॉर्म कोइनगेको के अनुसार, यह ग्रोथ न केवल संस्थागत निवेश के बढ़ते प्रवाह को दर्शाती है, बल्कि इस इमर्जिंग असैट क्लास के ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में बढ़ते दबदबे का भी अंदाजा होता है। इस तेजी के पीछे मुख्य वजह अमेरिका में नियामकीय स्पष्टता मानी जा रही है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने गुरुवार को एक बड़ा विधेयक पारित किया है, जिसमें स्टेबलकॉइन के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने का प्रस्ताव है। यह विधेयक अब प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप की मंजूरी के लिए भेजा गया है, जिनके द्वारा इसे जल्द ही कानून बनाने की उम्मीद है। इसके अलावा हाउस ने दो और क्रिप्टो विधेयकों को मंजूरी दी है। एक विधेयक में क्रिप्टो रेगुलेशन का फ्रेमवर्क तय किया गया है जबकि दूसरे में अमेरिकी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर प्रतिबंध का प्रस्ताव है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने इस घटनाक्रम को भारत जैसे देशों के लिए सीखने लायक बताया है। वहीं कॉइनफंड के अध्यक्ष क्रिस पर्किन्स ने जीनियस एक्ट को क्रिप्टो को मेनस्ट्रीम में लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम करार दिया। पिछले सप्ताह बिटकॉइन 1.23 लाख डॉलर के पीक लेवल पर पहुंच गया था हालांकि शुक्रवार को इसमें करेक्शन दर्ज किया गया और यह 1.18 लाख डॉलर के लेवल पर आ गया। ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन का अनुमान है कि बिटकॉइन 2025 के अंत तक $2 लाख डॉलर के लेवल तक पहुंच सकता है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर में 4.5 परसेंट की तेजी दर्ज की गई और यह तीन महीनों में दोगुनी हो चुकी है। क्रिप्टो में उछाल के साथ इससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भी बढ़त देखने को मिली। कॉइनबेस और रॉबिनहुड जैसी कंपनियों के शेयर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।