पिछले तीन वित्त वर्षों में निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों ने सबसे कम नौकरी छोड़ी है। यह दर्शाता है कि बैंक में कर्मचारी लंबे समय तक टिककर काम कर रहे हैं, जिसका एक प्रमुख कारण बेहतर वेतन और अच्छा कार्य माहौल माना जा रहा है। पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान, उद्योग में सालाना आधार पर नौकरी छोडऩे की दर में निरंतर गिरावट देखी गई है। आईसीआईसीआई बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में नौकरी छोडऩे की दर 18 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 24.5 प्रतिशत से काफी कम है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह दर 30.9 प्रतिशत थी। दूसरे बड़े बैंकों की बात करें तो, एचडीएफसी बैंक में यह दर वित्त वर्ष 2024- 25 में 22.6 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 26.9 प्रतिशत से कम है. वहीं, एक्सिस बैंक में यह 25.5 प्रतिशत और कोटक महिंद्रा बैंक में 33.3 प्रतिशत रही। डसइंड बैंक में भी वित्त वर्ष 2024-25 में यह दर 29 प्रतिशत तक गिर गई है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 37 प्रतिशत थी। एक बैंक के वरिष्ठ मानव संसाधन (एचआर) अधिकारी ने बताया कि नौकरी छोडऩे की दर कम होने के कई कारण हैं. इनमें से एक है कि बैंकिंग और वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अब नई नौकरियों की संख्या थोड़ी कम हो गई है। अधिकारी ने कहा कि महामारी के बाद बैंकों में बहुत ज़्यादा भर्तियां हुई थीं, जिसकी वजह से बाद में नौकरी छोडऩे वालों की संख्या भी बहुत बढ़ गई थी।