एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश बढक़र 28,464 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उ‘च स्तर पर पहुंच गया। जून में 27,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करने के बाद, यह लगातार दूसरा महीना है जब एसआईपी निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंडों में मजबूत समग्र भागीदारी के कारण जुलाई में 42,672 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड शुद्ध निवेश हुआ, जो जून में दर्ज 2,568 करोड़ रुपए के निवेश से लगभग दोगुना है, जो एसआईपी निवेश में वृद्धि के कारण हुआ। निवेशकों की पसंद मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों के पक्ष में रही, जिनमें क्रमश: 5,182.5 करोड़ रुपए और 6,484.4 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो लार्ज-कैप फंडों द्वारा प्राप्त 2,125 करोड़ रुपए से अधिक था। आंकड़ों के अनुसार, 9,426 करोड़ रुपए के शुद्ध निवेश के साथ, सेक्टोरल/थीमैटिक फंड इक्विटी श्रेणियों में सबसे आगे रहे। यह सात नई योजनाओं के लॉन्च से संभव हुआ, जिनसे सामूहिक रूप से 7,404 करोड़ रुपए जुटाए गए। लार्ज और मिड-कैप फंडों ने 5,035 करोड़ रुपए जुटाए, जबकि फ्लेक्सी-कैप फंड 7,654 करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर रहे। 368 करोड़ रुपए के साथ, शुद्ध निकासी का अनुभव करने वाली एकमात्र इक्विटी श्रेणी इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाएं (ईएलएसएस) थी। इस बीच, म्यूचुअल फंड उद्योग की एयूएम बढक़र 75.36 लाख करोड़ रुपए हो गई। जून में एयूएम 74.40 लाख करोड़ रुपए और मई में 72.19 लाख करोड़ रुपए रहा। इक्विटी फंडों में लगातार 53 महीनों से सकारात्मक निवेश देखने को मिल रहा है, जुलाई में निवेश ज़्यादातर श्रेणियों में व्यापक रहा। खुदरा निवेशकों की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई, कुल म्यूचुअल फंड फोलियो जून के 24.13 करोड़ से बढक़र जुलाई में 24.57 करोड़ हो गए। गोल्ड ईटीएफ में जुलाई में 1,256 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि जून में यह 2,080.9 करोड़ रुपए था। अन्य ईटीएफ में जून के 844 करोड़ रुपए से बढक़र 4,476 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। एमएफआई के आंकड़ों के अनुसार, ओपन-एंडेड डेट फंडों में जुलाई में 1,06,801 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ। लिक्विड फंडों में जून में 25,196 करोड़ रुपए की निकासी के मुकाबले 39,354 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
