चीन की जनसंख्या वर्ष 2023 में 1.409 बिलियन के मुकाबले घटकर वर्ष 2024 में 1.408 बिलियन रह गई। आबादी में आ रही इस गिरावट को देखते हुए चीन की सरकार के सामने बड़ा चैलेंज खड़ा हो गया है। इससे निपटने के लिए चीन की सरकार ने एक और नई स्कीम शुरू कर दी है, जिसके तहत सरकार बच्चे के जन्म पर माता-पिता को प्रोत्साहन राशि देगी। हालांकि इसका लाभ 1 जनवरी 2025 के बाद पैदा होने वाले बच्चों को मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकार बच्चे के पैदा होने पर माताओं को हर साल 3,600 युआन देगी, जो भारतीय करेंसी के हिसाब से लगभग 42,000 रुपये होता है। यह पैसा बच्चे के तीन साल हो जाने तक मिलता रहेगा इस तरह से तीन साल में कुल 1.26 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि, स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन ऑफिस ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है। इसके अलावा, चीन की प्रांतीय सरकारें भी जन्म दर को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही हैं। चीन के प्रांत इनर मंगोलिया के होहोट शहर में दूसरे बच्चे के लिए 50,000 युआन और तीसरे बच्चे के जन्म पर 100,000 युआन का ऑफर दिया जा रहा है। चीन की जनसंख्या 2023 में 1.409 बिलियन के मुकाबले घटकर 2024 में 1.408 बिलियन रह गई यानी एक साल में ही चीन की आबादी 13.90 लाख घट गई। साल 2022 में चीन की जनसंख्या पिछले 60 सालों में पहली बार कम हुई और यह क्रम 2023 और 2024 में भी बना रहा। आबादी को कंट्रोल करने के लिए चीन सरकार ने वर्ष 1980 में सिंगल चाइल्ड पॉलिसी लागू की थी। वर्ष 2013-14 में चीन की सरकार में सिंगल चाइल्ड पॉलिसी में दूसरे बच्चे के लिए छूट दी थी। लेकिन अब चीन में थ्री चाइल्ड पॉलिसी लागू है। लेकिन जीवनशैली का खर्च बढ़ जाने और फिर चीन की इकोनॉमी के स्लोडाउन में फिसल जाने के कारण युवाओं में शादी करने और परिवार बढ़ाने की इच्छा घट रही है. हाल ही हुए एक सर्वे में 1.44 लाख माता-पिता पर किए गए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इनमें से सिर्फ 15 परसेंट ही अधिक बच्चे पैदा करने के लिए तैयार थे। जब इन्हें 1,000 युआन की सब्सिडी की पेशकश की गई, तो 8.5 परसेंट पेरेंट्स अधिक बच्चे पैदा करने के लिए तैयार हुए यानी कि यहां फाइनेंशियल हेल्प से परिवारों को मदद मिल रही है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म असर के लिए कुछ बड़े आर्थिक, सांस्कृतिक और जीवनशैली में बदलाव की जरूरत है। चीन की तरह कई दूसरे देश भी जनसंख्या को बढ़ाने के लिए कई तरीके अपनाए, जिसके मिले-जुले परिणाम देखने को मिल रहे हैं। गिरती जन्म दर से जूझ रहे साउथ कोरिया ने एक साल से कम उम्र वाले बच्चों के परिवारों के लिए मासिक सब्सिडी को सात लाख वॉन से बढ़ाकर 10 लाख वॉन कर दिया है। इसके चलते पिछले नौ सालों में पहली बार जन्म दर में 3.1 परसेंट का इजाफा हुआ। जापान ने भी चाइल्ड केयर इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया। वर्ष 2005 से हजारों चाइल्ड केयर सेंटर बनाए गए इससे प्रजनन दर में 0.1-पॉइंट का सुधार हुआ है।