स्पेनियार्ड्स (स्पेन के लोग) में नाराजगी फैल रही है। कहते हैं हमारे बीच और हम ही नहीं जा सकते। स्पेन में दुनियाभर के टूरिस्ट्स टूट रहे हैं। इसलिए स्पेन के लोगों के घर खरीदना बूते से बाहर हो गया है। किराया जेब में फिट नहीं हो रहा। बड़ी तादाद में घर होमस्टे में बदले जा चुके हैं। पिछले साल स्पेन में 10 करोड़ इंटरनेशनल टूरिस्ट्स आए थे। दूसरी ओर यूरोप के ही देश ग्रीस (यूनान) ने अपने मशहूर टूरिस्ट स्पॉट्स को रेलम-पेल से बचाने के लिए सिनटैक्स लगाना शुरू कर दिया है। देश से सैंटोरिनी और मायकोनोस जैसे मशहूर द्वीपों पर डॉक करने वाले क्रूज शिप्स को प्रति यात्री 20 यूरो टैक्स देना पड़ रहा है। छोटे द्वीपों पर भी 5 यूरो का टैक्स लगाया जाएगा। यह टैक्स एक जून से 30 सितंबर तक चलने वाले टूरिस्ट सीजन के दौरान लागू रहेगा। इस सिन टैक्स से ग्रीस को सालाना 5 करोड़ यूरो की आय होगी जिसका इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए किया जाएगा। दुनिया भर में क्रूज टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है और हेलेनिक पोर्ट्स एसोसिएशन के मुताबिक 2024 में 79 लाख लोगों ने क्रूज से यात्रा की। इस दौरान मायकोनोस और सैंटोरिनी द्वीप पर 13-13 लाख सैलानी पहुंचे। सांतोरिनी में पिछले साल 8 हजार क्रूज पैसेंजर प्रतिदिन की लिमिट तय कर दी थी। अपने सुनहरे सनसैट के लिए मशहूर सैंटोरिनी के सामने टूरिस्ट्स की रेलमपेल के कारण ट्रैफिक जाम, पानी की कमी, कचरे की समस्या बड़ा चैलेंज बन चुकी है। टूरिज्म से ग्रीस हर साल दो बिलियन यूरो कमाता है। वर्ष 2024 में 4.07 करोड़ टूरिस्ट ग्रीस पहुंचे थे। हाल ही इटली के वेनिस शहर ने कुछ खास दिनों में प्रति पर्यटक पांच यूरो टैक्स लगाया। स्पेन के बार्सिलोना और मैड्रिड जैसे बड़े शहरों में तो टूरिस्ट्स गो बैक होम के नारे लगाते प्रॉटेस्ट बहुत आम हैं। फ्रांस के बाद दुनिया भर में सबसे ज्यादा पर्यटक स्पेन ही जाते हैं।