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07-09-2024

इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के बनने से बदलेगी पश्चिम राजस्थान की इंडस्ट्री की तस्वीर

  •  पश्चिम राजस्थान के जोधपुर-रोहट-पाली-मारवाड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी डवलप की जाएगी, जिसमें करीब 7500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के बन जाने से पश्चिम राजस्थान देश का नया इंडस्ट्री का हब बन जाएगा। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में नेशनल इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जोधपुर-कांकाणी-रोहट-पाली-मारवाड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी डवलप करने को मंजूरी दी गई है। इसके लिए जोधपुर के कांकाणी व पाली के रोहट में 1578 एकड़ जमीन रिजर्व रहेगी। हालांकि इसके लिए रीको पूर्व में कई गांवों की जमीन अधिग्रहण कर चुका है।  इस पर करीब 922 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे औद्योगिक विकास को पंख लगने के साथ-साथ रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही जोधपुर समेत पश्चिम राजस्थान क्षेत्र के विकास में नए आयाम स्थापित होंगे।

    7500 करोड़ रुपए का हो सकेगा इंडस्ट्रीयल निवेश : इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के डवलप होने के बाद यहां करीब 7500 करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश किया जा सकेगा। जोधपुर में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनने के बाद करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार का लाभ मिलेगा। वहीं, करीब 2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार का लाभ मिल सकेगा। मारवाड़ क्षेत्र की इंडस्ट्री को मिलेगा लाभ : प्रदेश के इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट के लिए पूर्व में कुल 5 नोड्स चयनित किए गए थे। इनमें जोधपुर-पाली-मारवाड़, खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा, जयपुर-दौसा, अजमेर-किशनगढ़, राजसमंद-भीलवाड़ा का चयन किया गया था, जिसमें जोधपुर-पाली-मारवाड़ एवं खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा को क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा था। मारवाड़ व खुशखेड़ा-भिवाड़ी इंडस्ट्रीयल क्लस्टर का कार्य शुरू हो गया है। एनआईसीडी के अंतर्गत दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कोरिडोर (डीएमआईसी) का डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का अधिकतम 39 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से होकर गुजर रहा है, जिसकी कुल लंबाई करीब 578 किमी है, जिसका लाभ मारवाड़ के समूचे क्षेत्र की इंडस्ट्री को मिलेगा। कोरिडोर के दोनों ओर करीब 154 स्क्वायर किलोमीटर जमीन में क्लस्टर विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मंजूर की गई जोधपुर-पाली इंडस्ट्रीज स्मार्ट सिटी जोधपुर-पाली-मारवाड़ क्लस्टर का ही हिस्सा है। यहां से गुजर रहे फ्रेट कोरिडोर के पास स्थित रोहट रेलवे स्टेशन इसी का एक पार्ट है, जिसे फ्रेट कोरिडोर के लिए उपयोग किया जाएगा। यह स्टेशन इंडस्ट्रीयल सिटी में शामिल है। कुल मिलाकर इस इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी में निर्मित होने वाला माल सीधा मुंबई पोर्ट तक पहुंच सकेगा।

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इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के बनने से बदलेगी पश्चिम राजस्थान की इंडस्ट्री की तस्वीर

 पश्चिम राजस्थान के जोधपुर-रोहट-पाली-मारवाड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी डवलप की जाएगी, जिसमें करीब 7500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के बन जाने से पश्चिम राजस्थान देश का नया इंडस्ट्री का हब बन जाएगा। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में नेशनल इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जोधपुर-कांकाणी-रोहट-पाली-मारवाड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी डवलप करने को मंजूरी दी गई है। इसके लिए जोधपुर के कांकाणी व पाली के रोहट में 1578 एकड़ जमीन रिजर्व रहेगी। हालांकि इसके लिए रीको पूर्व में कई गांवों की जमीन अधिग्रहण कर चुका है।  इस पर करीब 922 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे औद्योगिक विकास को पंख लगने के साथ-साथ रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही जोधपुर समेत पश्चिम राजस्थान क्षेत्र के विकास में नए आयाम स्थापित होंगे।

7500 करोड़ रुपए का हो सकेगा इंडस्ट्रीयल निवेश : इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी के डवलप होने के बाद यहां करीब 7500 करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश किया जा सकेगा। जोधपुर में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनने के बाद करीब 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार का लाभ मिलेगा। वहीं, करीब 2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार का लाभ मिल सकेगा। मारवाड़ क्षेत्र की इंडस्ट्री को मिलेगा लाभ : प्रदेश के इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट के लिए पूर्व में कुल 5 नोड्स चयनित किए गए थे। इनमें जोधपुर-पाली-मारवाड़, खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा, जयपुर-दौसा, अजमेर-किशनगढ़, राजसमंद-भीलवाड़ा का चयन किया गया था, जिसमें जोधपुर-पाली-मारवाड़ एवं खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा को क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा था। मारवाड़ व खुशखेड़ा-भिवाड़ी इंडस्ट्रीयल क्लस्टर का कार्य शुरू हो गया है। एनआईसीडी के अंतर्गत दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कोरिडोर (डीएमआईसी) का डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का अधिकतम 39 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से होकर गुजर रहा है, जिसकी कुल लंबाई करीब 578 किमी है, जिसका लाभ मारवाड़ के समूचे क्षेत्र की इंडस्ट्री को मिलेगा। कोरिडोर के दोनों ओर करीब 154 स्क्वायर किलोमीटर जमीन में क्लस्टर विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मंजूर की गई जोधपुर-पाली इंडस्ट्रीज स्मार्ट सिटी जोधपुर-पाली-मारवाड़ क्लस्टर का ही हिस्सा है। यहां से गुजर रहे फ्रेट कोरिडोर के पास स्थित रोहट रेलवे स्टेशन इसी का एक पार्ट है, जिसे फ्रेट कोरिडोर के लिए उपयोग किया जाएगा। यह स्टेशन इंडस्ट्रीयल सिटी में शामिल है। कुल मिलाकर इस इंडस्ट्रीयल स्मार्ट सिटी में निर्मित होने वाला माल सीधा मुंबई पोर्ट तक पहुंच सकेगा।


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