एक्सपोर्टर एक अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि अमेरिकी खरीदार या तो ऑर्डर रद्द कर रहे हैं या उन्हें तब तक रोके हुए हैं जब तक कि घोषणा में जुर्माने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती। एक्सपोर्टर्स के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि उद्योग टैरिफ और जुर्माने पर स्पष्ट तस्वीर के लिए अमेरिकी कार्यकारी आदेश का इंतजार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को एक अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामान पर 25' टैरिफ लगाने के साथ रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने को लेकर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की। रल्हन ने कहा, ‘‘मुझे अपने खरीदारों से ऑर्डर रद्द करने के बारे में संदेश मिलने लगे हैं। हम थोड़े चिंतित हैं।’’ प्लास्टिक उत्पाद एक्सपोर्टर अरविंद गोयनका ने इस घोषणा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्षेत्र चिंतित है क्योंकि वियतनाम और थाइलैंड जैसे भारत के प्रतिस्पर्धी देशों को भारत की तुलना में कम इंपोर्ट टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जुर्माना ज्यादा चिंताजनक है। अगर इसे 25' के अतिरिक्त लगाया जाएगा, तो खरीदार ऑर्डर देना बंद कर देंगे।’’ एक चमड़ा और जूता एक्सपोर्टर ने कहा कि इन टैरिफों का भारत पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। एक्सपोर्टर ने कहा, ‘‘अमेरिकी खरीदार स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। इससे अनिश्चितता पैदा हो रही है। अगर नए टैरिफ एक अगस्त से लागू होते हैं, तो लगभग 60' ऑर्डर रद्द हो जाएंगे।’’ एक्सपोर्टर समुदाय उम्मीद जता रहा है कि भारत और अमेरिका जल्द ही एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे और यह समझौता 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माने को हटाने में मदद करेगा। अमेरिका 2021-25 के दौरान, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। भारत के कुल वस्तु एक्सपोर्ट में अमेरिका का योगदान लगभग 18', इंपोर्ट में 6.22' तथा द्विपक्षीय व्यापार में 10.73' है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 186 अरब डॉलर (एक्सपोर्ट 86.5 अरब डॉलर और इंपोर्ट 45.3 अरब डॉलर) तक पहुंच गया। अमेरिका के साथ भारत का वस्तुओं के व्यापार में व्यापार अधिशेष (इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का अंतर) की स्थिति है। 2024-25 में यह 41 अरब डॉलर रहा जबकि 2023-24 में 35.32 अरब डॉलर था।